बजाज चीनी मिल गांगनोली पर पिछले पेराई सत्र का 21 करोड़ 56 लाख बकाया

शि.वा.ब्यूरो, सहारनपुर। गांगनोली स्थित बजाज चीनी मिल पर पिछले पेराई सत्र का 21 करोड़ 56 लाख रूपया अभी भी बकाया है। गन्ना उपायुक्त डा. दिनेश्वर मिश्र ने आज बताया कि बजाज ग्रुप की इस यूनिट पर पिछले गन्ना पेराई सत्र का 196.56 करोड़ रूपए का गन्ना मूल्य का भुगतान बकाया था। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने 2 नवंबर 2022 को 196.56 करोड़ की आरसी जारी की थी। उन्होने बताया कि जिला प्रशासन ने जब उस आरसी के अनुपालन में कार्रवाई शुरू की तो महाप्रबंधक हरविश मलिक भूमिगत हो गए थे। उन्होने बताया कि इसी दौरान चीनी मिल लगातार चीनी बेचता रहा और करीब 175 करोड़ रूपए का भुगतान करने में सफल रहा। 

उन्होने बताया कि जिला प्रशासन ने इस दौरान चीनी मिल और इसके प्रबंधकों के प्रति नरम और सहयोगात्मक रवैया बनाए रखा ताकि चीनी मिल चलती रहे और क्षेत्रीय किसानों का गन्ना खरीदकर चीनी बनाती रहे। उन्होने बताया कि अभी भी इस चीनी मिल की ओर पिछले सत्र का 21.56 करोड़ रूपए बकाया है। जिसमें 10 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य का और बाकी रकम ब्याज की है। जिला प्रशासन ने देवबंद के तहसीलदार तपन कुमार मिश्र और उप जिलाधिकारी को गांगनोली चीनी मिल पर बीती देर शाम भेजा था। प्रशासन को सूचना मिली थी कि महाप्रबंधक हरविश कुमार मलिक चीनी मिल में मौजूद हैं। उन्होने बताया कि मलिक ने प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित में भरोसा दिया कि पिछले बकाए की शेष राशि का भुगतान 12 फरवरी तक कर दिया जाएगा। प्रशासनिक अमला इस भरोसे के बाद मलिक को गिरफ्तार किए बगैर वापस लौट आया। 

दिलचस्प बात यह है कि बजाज शुगर मिल समूह की गांगनोली चीनी मिल और सहारनपुर मंडल में थाना भवन और बुढ़ाना चीनी मिल ने वर्तमान चालू सत्र के गन्ने का भुगतान नही किया है। किसानों में लगातार रोष बना हुआ है। गन्ना उपायुक्त डा. दिनेश्वर मिश्र ने  बताया कि अकेले गांगनोली चीनी मिल पर ही मौजूदा पेराई सत्र का 160 करोड़ से भी ज्यादा का भुगतान बकाया है। डा. मिश्र ने यह भी बताया कि बजाज ग्रुप की भुगतान के बारे में जो परंपरा है, उसके अनुसार यह समूह फरवरी से फरवरी तक पिछले बकाए का भुगतान करता है और फरवरी माह के बाद चालू सत्र का भुगतान शुरू करता है।

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