गौरव सिंघल, सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योगाश्रम में आज आयोजित मकर संक्रांति उत्सव में 1960 के दशक में नामचीन बॉडी बिल्डर रहे और आज 81वर्ष के हो चुके रामचंद्र कपूर को युवा योगसाधकों और बॉडी बिल्डर्स की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच "प्रेरक शक्ति सम्मान" से सम्मानित किया गया। योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने उन्हे रंग-बिरंगी राजस्थानी पगड़ी और रुद्राक्ष माल पहनाकर आश्रम साहित्य भेंट करके सम्मानित करते हुए उनके जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण ताजा किए।
उन्होंने बताया कि उदीयमान खेल साधकों को सही समय पर मिला प्रोत्साहन उन्हें बहुत कुछ बड़ा करने का हौंसला दे देता है लेकिन आज दुर्भाग्यवश प्रेरणा का स्थान ईर्ष्या और नकारात्मकता ने ले लिया है। उन्होंने बताया कि उस समय में खासा दबदबा रखने वाले चैंपियन होने के कारण हमारे जैसे नए लड़के रामचंद्र कपूर से बात करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे, लेकिन मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब मुझे मेरी पहली चैंपियनशिप में उतरते देख कर मुग्ध हुए श्री कपूर ने अपने हाथों से मुझे ऑयलिंग व कॉस्ट्यूम से सजाकर तैयार करने में जुट गए, जबकि वो मुझे जानते तक नहीं थे। आज के कार्यक्रम में अपने खेल जीवन में अनेक युवाओं के रोल मॉडल रहे रामचंद्र कपूर के सम्मान में देर तक तालियां बजती रही। उन्होंने मकर संक्रांति को तप व साधना से समाज को संक्रमित करने का पर्व बताया।
इस अवसर पर राम चंद्र कपूर ने कहा कि ये विनम्रता, गुण ग्राहकता अपने अनुभव उदारता से बांटने के गुणों ने स्वामी भारत भूषण को आज वैश्विक हस्ती बना दिया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि उन्हें विनम्र रहते हुए सीखने के अवसर खोजते रहना चाहिए। आज के कार्यक्रम में नए साधकों को केसरिया पगड़ी बांधने का प्रशिक्षण शुरू किया गया। साधक संघ के सचिव नंद किशोर शर्मा और योगाचार्य अनीता शर्मा, सीमा गुप्ता, कुमार वैभव,पुरू वर्मा, अमरनाथ, नारायण वर्मा, केशव वर्मा, पूनम, डा अशोक, ललित वर्मा, धर्मेश शर्मा, पंकज बंसल, अनुज बंसल, पीयूष खेड़ा व डा आर के यादव समेत सैकड़ों साधकों ने मकर संक्रांति यज्ञ, सूर्य अर्घ्य और सूर्योपासना के साथ गोसेवा के बाद सभी को खिचड़ी प्रसाद वितरित किया।