गौरव सिंघल, देवबंद। स्वंयभू प्रकट शिव मंदिर बाबूपुर में चल रहे अखंड रामायण पाठ में आठवें दिन सुग्रीव मित्रता, बाली वध एवं लका दहन का सुंदर वर्णन कर तथा सुंदर भजन सुनाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा वाचक सोनिया ने भगवान श्री राम व सुर्गीव की मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में अच्छे मित्र का होना जरूरी है, क्योंकि संकट के समय मित्र ही साथ देता है।
कथा वाचक ने कहा कि सुग्रीव से मित्रता निभाते हुए भगवान श्री राम ने बाली का वध किया। लंका दहन का वर्णन करते हुए कहा कि माता जानकी को खोजते हुए वीर हनुमान लंका पहुंचे। माता सीता का दर्शन कर हनुमान अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने लगे और तोडकर फेकने लगे। जिस पर लंकापति रावण के दूत हनुमान जी को पकडकर उनके दरबार में ले गये। वहां पर रावण के आदेश से हनुमान जी की पूंछ कपडा लपेटकर आग लगा दी गई। उसके बाद हनुमान जी ने लंका में भवनो पर चढकर अपनी पूंछ में लगी आग से लंका के समस्त भवनों में आग लगा दी और थोडी देर में ही सोने की लंगा धूधूं करके जल रखकर राख हो गई।
रामायण पाठ श्रवण करने वालो में श्याम सुन्दर, चौ० साधुराम, अदिति गुप्ता, अर्मिता पंवार, शिल्पा गुप्ता, कुमारी दिव्या, कु० इति, श्रीमति शशी देवी, कु० किटटु, श्रीमति कमलेश, राजकुमार पंवार, मास्टर किरणपाल, पंकज एडवोकेट, कुलवीर चौधरी, अरविन्द, प्रिंस पंवार आदि शामिल रहे।