रेखा घनश्याम गौड़, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जो मां की तरह दुलारे,
हर वक़्त हम रह पायें जिनके सहारे,
जो मुश्किल समय मे आये हाथ थामने
हारने पर ढाल बन कर खड़ी रहे सामने।
वो बड़ी बहन ही होती है।
हर बात पर हमको समझाये,
शिशु की तरह हमको बहलाये,
जीवन की सीढ़ियाँ चढाये,
गिरने न दे जब कोई हमको धक्का लगाये,
वो बहन ही होती है।
बड़ी हो तो आदर्श सिखा दे,
छोटी हो तो प्रेम की गुणवत्ता सिखा दे,
रिश्तों की डोर को बँधे रखना बताती रहे,
चेहरे पर हँसी लाने की तरकीब बता दे,
वो बहन ही होती है।
जयपुर, राजस्थान