हिंदी

अ कीर्ति वर्द्धन,  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है
और संस्कृति की थाती है
संस्कृत की छोटी बहना है
जन जन को यह भाती है।

जैसा लिखा वही  है पढ़ना
जो बोलो वैसा ही लिखना
नही शांत इसमें अक्षर हैं
अमृत सा यह सुख देती है।

सम्पूर्ण विश्व में बोली जाती
गैरों को भी गले लगाती
हर भाषा के अच्छे शब्दों को
अपने उर में बिठलाती है।

सारी दुनिया इसकी दीवानी
अपने घर में यह बेगानी
सौत बनी घर में घुस आई
गुण विहीन अंग्रेजी महारानी।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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