डॉ. शैलेश शुक्ला, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
आजकल ऑफिस में काम करने के लिए केवल डिग्री, कंप्यूटर और फॉर्मल कपड़े काफी नहीं हैं। जो सबसे ज़रूरी चीज है, वह है—बॉस की चापलूसी। और यह साधारण चापलूसी नहीं, यह है बॉस-स्तुति, प्रशंसा-पुराण, और गुणगान-महाकाव्य। यह वह ब्रह्मास्त्र है जो सालाना मूल्यांकन रेटिंग, अधिक से अधिक बोनस, जब चाहो टैब छुट्टी, अपने व्यक्तिगत काम निपटने के लिए टीए-डीए सहित ऑफिसियल टूर, सबसे पहले प्रमोशन और यहां तक कि ऑफिस की कैंटीन से मुफ़्त चाय, नाश्ता और भोजन तक दिला सकता है।
जब कोई कहता है, "मैं मेहनत से काम करता हूँ", तो अनुभवी कर्मचारी मुस्कुराते हैं और धीरे से कहते हैं—"बेटा, मेहनत से सिर्फ सिर दर्द मिलता है, तरक्की नहीं। तरक्की तो बॉस के मूड को हल्का करने से मिलती है, और उसके लिए… ‘बॉस इस आलवेज राइट’ मंत्र जपना पड़ता है।"
ऑफिस की चापलूसी की सबसे पहली सीढ़ी है—‘कथन कौशल’। इसका सरल अर्थ है कि आपको यह आभास करवाना है कि बॉस जो भी कहता है, वह या तो नीतिशास्त्र है या कॉरपोरेट गीता।
अगर बॉस बोले, “आज बहुत काम है”, तो आप बोलिए—“सर, आप जैसे विज़नरी की देखरेख में काम करना सौभाग्य है।” अगर वो बोले, “ये प्रेजेंटेशन बहुत खराब है”, तो आप कहिए—“सर, आपकी आलोचना ही असली मार्गदर्शन है।” और अगर वो बोले, “मैंने छुट्टी पर जाने का प्लान बनाया है”, तो तुरंत कहिए—“सर, ऑफिस के लिए बेशक दुःखद है, पर आपके वेलनेस को देखकर आत्मा तृप्त है।”
बॉस की हर बात पर ऐसा सिर हिलाइए जैसे कृष्ण गीता सुना रहे हों और आप अर्जुन हों—संशयमुक्त, समर्पित और अत्यंत श्रद्धालु। सबके सामने प्रतिदिन 1008 बार सर्व कल्याणकारी मंत्र "बॉस इस आलवेज राइट" का जाप करने से सभी वांछित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऑफिस में सफलता पाने का यह सिद्ध और प्रमाणित मंत्र है।
ऑफिस मीटिंग्स में असली खेल आइडिया देने का नहीं, बॉस के आइडिया की वंदना करने का होता है। जो कर्मचारी मीटिंग में सबसे ज्यादा “सर, ब्रिलियंट पॉइंट!” कहता है, वही अगले वीकेंड पर ऑफिस गाड़ी में घूमता है और साल में कई बार अधिकारीक विदेश यात्रा का सपरिवार आनंद उठाता है।
यदि बॉस बोले, “हमारी टीम को और एफिशिएंट होना चाहिए”, तो तुरंत कहिए—“सर, आपने आज टीम को आइना दिखा दिया।” अगर बॉस बोले, “यह चार्ट समझ नहीं आ रहा”, तो कहिए—“सर, आप जैसी सूक्ष्म दृष्टि हो तो कमियां तुरंत पकड़ में आती हैं।” और मीटिंग खत्म होने पर तो कम से कम 7 या 11 या 21 बार “Thanks Sir for the insights” वाला मैसेज वॉट्सएप ग्रुप में ठोक दीजिए।
जो कर्मचारी बॉस के हर मज़ाक पर "हाहाहाहा... सर आप तो ग़ज़ब हैं" कहता है, वह मीटिंग के बाद बॉस की नजर में 'मज़ेदार', 'होनहार' और 'काबिल' बन जाता है। और जिसने दो सवाल पूछ दिए, वो rebel without a cause घोषित कर दिया जाता है। यह मंत्र सदा जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
ऑफिस में बॉस वंदना या बॉस चालीसा या बॉस स्तुति केवल मीटिंग या रिपोर्ट तक सीमित नहीं है। यह एक 24x7 स्प्रिचुअल समर्पित ड्यूटी है। उदाहरण के लिए—
“It would not have been possible without your mentoring, Sir.”
x
अपने डेस्क पर भले आप कभी न बैठें, लेकिन जब तक बॉस अपने कमरे में है, तब तक हमेशा बॉस के कमरे में बैठे रहें। बॉस को छींक आ जाए तो झट से अपना रुमाल निकाल कर दें और 11 गलियाँ खराब मौसम और प्रदूषण को देते हुआ बॉस का स्तुति गान करें।
कैंटीन में भी बॉस के लिए कॉफी ऑर्डर करते हुए कहिए—“सर, आपके टेस्ट का ध्यान रखते हुए मैंने कम शक्कर ली है।” और यदि कभी-कभी आप उनके साथ बैठने का अवसर पा लें, तो पूरे समय ऐसे मुस्कुराइए जैसे ईश्वर के सान्निध्य में हों। कर्मचारी चाहे 10 बजकर 5 मिनट पर आए, पर बॉस की गाड़ी देखते ही सब फाइलें खोलकर ऐसे बैठ जाते हैं जैसे एक-एक पंक्ति वेद की ऋचाएं हों। सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
आप बॉस के साथ कितनी मीटिंग्स करते हैं, यह मायने नहीं रखता। आपने कितनी बार उसकी फोटो पोस्ट की, ये मायने रखता है। प्रति सप्ताह LinkedIn पर “Working under visionary leadership” के साथ पोस्ट की गई फोटो, बॉस के दिल में वह जगह बना देती है जो KPI नहीं बना सकता।
अगर बॉस की टीम लंच की फोटो हो तो आप उसमें बॉस के साथ सटे हुए हों। और कैप्शन? “Learning something new everyday from the mentor of mentors.” या
हर साल ऑफिस एनिवर्सरी पर बॉस को टैग कर “5 years of learning, laughing and growing under your shadow, sir!” लिखना मत भूलिए। आपकी फोटो प्रोफाइल अगर बॉस के कंधे के पास की हो, तो समझिए—आप प्रमोशन से एक कदम दूर और पॉवरपॉइंट से कई कदम आगे हैं। दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
चापलूसी का डिजिटल रूप है—इमेल चापलूसी। जब आप रिपोर्ट भेजें, तो विषय न हो “Monthly Sales Report”, बल्कि हो “As discussed under your guidance, Sir”. बॉस के हर ईमेल का जवाब "Thanks Sir for the direction" से शुरू होना चाहिए, चाहे बॉस ने केवल "Okay" ही लिखा हो। और अगर आपको कोई प्रोजेक्ट में सफलता मिले, तो उसका श्रेय खुद को नहीं, बॉस को दीजिए :
कुछ लोग तो इतने चतुर होते हैं कि साल भर का 'Performance Review' भी ऐसे लिखते हैं—“Whatever I did, it was just to execute your vision, Sir.” घर में, ऑफिस में, कैन्टीन में, टॉइलेट में, प्रत्येक स्थान पर, दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
साल में कई ऑफिसियल टूर, 30 ईएल, 12 CL, 8 SL और अधिकतम बोनस... ये सब HR के फॉर्म से नहीं, बॉस के मूड से निर्भर करते हैं। यदि आपने लगातार एक महीना बॉस की तारीफ की हो, तो दो दिन की छुट्टी के लिए आपको कारण नहीं, शुभकामनाएं मिलेंगी। और ऑफिस ट्रिप की बात करें तो जो व्यक्ति बॉस की हर फोटो में बगल में खड़ा हो, वही माउंट आबू या गोवा के होटल में डबल रूम पाता है। उसी व्यक्ति को स्विट्ज़रलैंड, मालदीव, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य सुंदर देशों की ऑफिसियल ट्रिप बॉस की कृपा के रूप में मिलती है। कुछ लोग तो ऑफिस ट्रिप पर बॉस के चश्मे की सफाई, मोबाइल चार्जिंग और ड्राइवर से बातचीत तक का जिम्मा उठाते हैं।
और साल के अंत में बोनस मिले या न मिले, अगर आपने बॉस को यह कह दिया—“Sir, I learned so much under you this year”, तो न सही पैसा, कम से कम इज्ज़त और HR फीडबैक फॉर्म पर स्टार जरूर मिलेगा। और हाँ, हमेशा ये सर्वमनोकामना पूर्ति मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राजभाषा गौरव पुरस्कार' से सम्मानित वरिष्ठ लेखक, पत्रकार, साहित्यकार एवं वैश्विक समूह संपादक, सृजन संसार अंतरराष्ट्रीय पत्रिका समूह
आजकल ऑफिस में काम करने के लिए केवल डिग्री, कंप्यूटर और फॉर्मल कपड़े काफी नहीं हैं। जो सबसे ज़रूरी चीज है, वह है—बॉस की चापलूसी। और यह साधारण चापलूसी नहीं, यह है बॉस-स्तुति, प्रशंसा-पुराण, और गुणगान-महाकाव्य। यह वह ब्रह्मास्त्र है जो सालाना मूल्यांकन रेटिंग, अधिक से अधिक बोनस, जब चाहो टैब छुट्टी, अपने व्यक्तिगत काम निपटने के लिए टीए-डीए सहित ऑफिसियल टूर, सबसे पहले प्रमोशन और यहां तक कि ऑफिस की कैंटीन से मुफ़्त चाय, नाश्ता और भोजन तक दिला सकता है।
जब कोई कहता है, "मैं मेहनत से काम करता हूँ", तो अनुभवी कर्मचारी मुस्कुराते हैं और धीरे से कहते हैं—"बेटा, मेहनत से सिर्फ सिर दर्द मिलता है, तरक्की नहीं। तरक्की तो बॉस के मूड को हल्का करने से मिलती है, और उसके लिए… ‘बॉस इस आलवेज राइट’ मंत्र जपना पड़ता है।"
ऑफिस की चापलूसी की सबसे पहली सीढ़ी है—‘कथन कौशल’। इसका सरल अर्थ है कि आपको यह आभास करवाना है कि बॉस जो भी कहता है, वह या तो नीतिशास्त्र है या कॉरपोरेट गीता।
अगर बॉस बोले, “आज बहुत काम है”, तो आप बोलिए—“सर, आप जैसे विज़नरी की देखरेख में काम करना सौभाग्य है।” अगर वो बोले, “ये प्रेजेंटेशन बहुत खराब है”, तो आप कहिए—“सर, आपकी आलोचना ही असली मार्गदर्शन है।” और अगर वो बोले, “मैंने छुट्टी पर जाने का प्लान बनाया है”, तो तुरंत कहिए—“सर, ऑफिस के लिए बेशक दुःखद है, पर आपके वेलनेस को देखकर आत्मा तृप्त है।”
बॉस की हर बात पर ऐसा सिर हिलाइए जैसे कृष्ण गीता सुना रहे हों और आप अर्जुन हों—संशयमुक्त, समर्पित और अत्यंत श्रद्धालु। सबके सामने प्रतिदिन 1008 बार सर्व कल्याणकारी मंत्र "बॉस इस आलवेज राइट" का जाप करने से सभी वांछित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऑफिस में सफलता पाने का यह सिद्ध और प्रमाणित मंत्र है।
ऑफिस मीटिंग्स में असली खेल आइडिया देने का नहीं, बॉस के आइडिया की वंदना करने का होता है। जो कर्मचारी मीटिंग में सबसे ज्यादा “सर, ब्रिलियंट पॉइंट!” कहता है, वही अगले वीकेंड पर ऑफिस गाड़ी में घूमता है और साल में कई बार अधिकारीक विदेश यात्रा का सपरिवार आनंद उठाता है।
यदि बॉस बोले, “हमारी टीम को और एफिशिएंट होना चाहिए”, तो तुरंत कहिए—“सर, आपने आज टीम को आइना दिखा दिया।” अगर बॉस बोले, “यह चार्ट समझ नहीं आ रहा”, तो कहिए—“सर, आप जैसी सूक्ष्म दृष्टि हो तो कमियां तुरंत पकड़ में आती हैं।” और मीटिंग खत्म होने पर तो कम से कम 7 या 11 या 21 बार “Thanks Sir for the insights” वाला मैसेज वॉट्सएप ग्रुप में ठोक दीजिए।
जो कर्मचारी बॉस के हर मज़ाक पर "हाहाहाहा... सर आप तो ग़ज़ब हैं" कहता है, वह मीटिंग के बाद बॉस की नजर में 'मज़ेदार', 'होनहार' और 'काबिल' बन जाता है। और जिसने दो सवाल पूछ दिए, वो rebel without a cause घोषित कर दिया जाता है। यह मंत्र सदा जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
ऑफिस में बॉस वंदना या बॉस चालीसा या बॉस स्तुति केवल मीटिंग या रिपोर्ट तक सीमित नहीं है। यह एक 24x7 स्प्रिचुअल समर्पित ड्यूटी है। उदाहरण के लिए—
- बॉस के आते ही कुर्सी खड़ी होकर उसका स्वागत करे, आप नहीं।
- बॉस के टेबल पर अगर पानी नहीं है, तो चुपचाप बोतल भर कर रख आइए।
- बॉस की टाई टेढ़ी है? तो आंखों से इंगित कर देना भी सेवा का ही रूप है।
“It would not have been possible without your mentoring, Sir.”
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अपने डेस्क पर भले आप कभी न बैठें, लेकिन जब तक बॉस अपने कमरे में है, तब तक हमेशा बॉस के कमरे में बैठे रहें। बॉस को छींक आ जाए तो झट से अपना रुमाल निकाल कर दें और 11 गलियाँ खराब मौसम और प्रदूषण को देते हुआ बॉस का स्तुति गान करें।
कैंटीन में भी बॉस के लिए कॉफी ऑर्डर करते हुए कहिए—“सर, आपके टेस्ट का ध्यान रखते हुए मैंने कम शक्कर ली है।” और यदि कभी-कभी आप उनके साथ बैठने का अवसर पा लें, तो पूरे समय ऐसे मुस्कुराइए जैसे ईश्वर के सान्निध्य में हों। कर्मचारी चाहे 10 बजकर 5 मिनट पर आए, पर बॉस की गाड़ी देखते ही सब फाइलें खोलकर ऐसे बैठ जाते हैं जैसे एक-एक पंक्ति वेद की ऋचाएं हों। सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
आप बॉस के साथ कितनी मीटिंग्स करते हैं, यह मायने नहीं रखता। आपने कितनी बार उसकी फोटो पोस्ट की, ये मायने रखता है। प्रति सप्ताह LinkedIn पर “Working under visionary leadership” के साथ पोस्ट की गई फोटो, बॉस के दिल में वह जगह बना देती है जो KPI नहीं बना सकता।
अगर बॉस की टीम लंच की फोटो हो तो आप उसमें बॉस के साथ सटे हुए हों। और कैप्शन? “Learning something new everyday from the mentor of mentors.” या
हर साल ऑफिस एनिवर्सरी पर बॉस को टैग कर “5 years of learning, laughing and growing under your shadow, sir!” लिखना मत भूलिए। आपकी फोटो प्रोफाइल अगर बॉस के कंधे के पास की हो, तो समझिए—आप प्रमोशन से एक कदम दूर और पॉवरपॉइंट से कई कदम आगे हैं। दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
चापलूसी का डिजिटल रूप है—इमेल चापलूसी। जब आप रिपोर्ट भेजें, तो विषय न हो “Monthly Sales Report”, बल्कि हो “As discussed under your guidance, Sir”. बॉस के हर ईमेल का जवाब "Thanks Sir for the direction" से शुरू होना चाहिए, चाहे बॉस ने केवल "Okay" ही लिखा हो। और अगर आपको कोई प्रोजेक्ट में सफलता मिले, तो उसका श्रेय खुद को नहीं, बॉस को दीजिए :
कुछ लोग तो इतने चतुर होते हैं कि साल भर का 'Performance Review' भी ऐसे लिखते हैं—“Whatever I did, it was just to execute your vision, Sir.” घर में, ऑफिस में, कैन्टीन में, टॉइलेट में, प्रत्येक स्थान पर, दिन-रात, सोते-जागते सदा यही मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
साल में कई ऑफिसियल टूर, 30 ईएल, 12 CL, 8 SL और अधिकतम बोनस... ये सब HR के फॉर्म से नहीं, बॉस के मूड से निर्भर करते हैं। यदि आपने लगातार एक महीना बॉस की तारीफ की हो, तो दो दिन की छुट्टी के लिए आपको कारण नहीं, शुभकामनाएं मिलेंगी। और ऑफिस ट्रिप की बात करें तो जो व्यक्ति बॉस की हर फोटो में बगल में खड़ा हो, वही माउंट आबू या गोवा के होटल में डबल रूम पाता है। उसी व्यक्ति को स्विट्ज़रलैंड, मालदीव, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य सुंदर देशों की ऑफिसियल ट्रिप बॉस की कृपा के रूप में मिलती है। कुछ लोग तो ऑफिस ट्रिप पर बॉस के चश्मे की सफाई, मोबाइल चार्जिंग और ड्राइवर से बातचीत तक का जिम्मा उठाते हैं।
और साल के अंत में बोनस मिले या न मिले, अगर आपने बॉस को यह कह दिया—“Sir, I learned so much under you this year”, तो न सही पैसा, कम से कम इज्ज़त और HR फीडबैक फॉर्म पर स्टार जरूर मिलेगा। और हाँ, हमेशा ये सर्वमनोकामना पूर्ति मंत्र जपते रहें - "बॉस इस आलवेज राइट!"
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राजभाषा गौरव पुरस्कार' से सम्मानित वरिष्ठ लेखक, पत्रकार, साहित्यकार एवं वैश्विक समूह संपादक, सृजन संसार अंतरराष्ट्रीय पत्रिका समूह
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