शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। आज समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन गतिविधि का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रिओं ने छह माह से ऊपर के बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी अर्ध ठोस आहार देने की जानकारी माताओं को दी।
बाल विकास परियोजना शहर के अंतर्गत खालापार में सभासद के साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार गोंड ने बच्चों को अपने हाथों से अन्नप्राशन कराया। इस दौरान ऊपरी आहार के आठ सूत्रों “06 माह पर ऊपरी आहार, नरम मसला हुआ भोजन, दिन में कम से कम तीन बार, 02 साल तक स्तनपान जारी रखे, उम्र के अनुसार मात्रा बढ़ना, साफ - सफाई, सक्रियता और जिम्मेदारी से खाना खिलाना, वृद्धि निगरानी” कि विषय में बताया गया। साथ ही गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया किस तरह अपना और होने वाले बच्चे के खाने-पीने का ध्यान रखना होगा, एक गर्भवती को कैसे और कितने आहार की आवश्यकता होती है, समय-समय पर कौन-कौन से टीके महिलाओं और नवजात बच्चों लगवाये जाने हैं।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने धात्री माताओं को बताया छह माह तक के बच्चों को स्तनपान करना क्यों आवश्यक है। उसके पश्चात छह माह से ऊपर हो जाने पर बच्चे को अर्द्ध ठोस आहार की भी जरूरत पड़ती है। ऐसे में कौन-कौन से आहार बच्चे को देने चाहिए। बच्चों के बढ़ते शारीरिक विकास को देखते हुए पोषक आहार देना बहुत आवश्यक है। समय पर पोषक आहार न देने से बच्चे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं एवं उनका शारीरिक विकास रुक जाता है। कुपोषण से बच्चों को अनेक बीमारी होने का डर भी बना रहता है, इसलिए छह माह से ऊपर के बच्चे को मां के दूध के साथ ऊपरी आहार देना बहुत आवश्यक है। आज की गतिविधि में ग्राम्य विकास, पंचायती राज एवं बेसिक शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सहयोग किया गया।