अ कीर्ति वर्द्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कोई मरता कहीं धरा पर,
कोई जन्म कहीं लेता है,
कहीं डाल से टूटे पत्ता,
नवसृजन आस सजा देता है।
माना अपने बिछुड रहे हैं,
सबकी पीडायें भी गहरी हैं,
वस्त्र हों मैले- फटे हुए हों,
गीता में कृष्ण बता देता है।
बहुत कठिन है संकटकाल में,
संवेदना की बातें करना,
घायल व्यथित मन पर तब,
अध्यात्म दवा लगा देता है।
जीवन मरण लाभ यश हानि,
सब विधना के हाथ,
कर्मों का फल यहीं मिलेगा,
कान्हा सार बता देता है।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश
कोई जन्म कहीं लेता है,
कहीं डाल से टूटे पत्ता,
नवसृजन आस सजा देता है।
माना अपने बिछुड रहे हैं,
सबकी पीडायें भी गहरी हैं,
वस्त्र हों मैले- फटे हुए हों,
गीता में कृष्ण बता देता है।
बहुत कठिन है संकटकाल में,
संवेदना की बातें करना,
घायल व्यथित मन पर तब,
अध्यात्म दवा लगा देता है।
जीवन मरण लाभ यश हानि,
सब विधना के हाथ,
कर्मों का फल यहीं मिलेगा,
कान्हा सार बता देता है।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश