अ कीर्ति वर्द्धन, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
तेरे मौन की भाषा को पढा, माना मैने,
मौन शब्दों मे छिपा सार, पहचाना मैने।
दर्द के भी दर्द का दीदार करना जानता,
उसमे छिपे मौन का दर्द, है जाना मैने।
प्यार की परिभाषा मौन है, मै जानता हूँ,
आँख से बहता मौन, सैलाब पहचानता हूँ।
खामोश लबों की मौन भाषा को जाना मैने,
खुशी के मौन आँसूओं को मोती मानता हूँ।
मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश