गौरव सिंघल, सहारनपुर। फरार खनन माफिया एवं पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बेटे वाजिद अली पर सहारनपुर रेंज के डीआईजी सुधीर कुमार सिंह ने पूर्व में इनाम में घोषित राशि 25 हजार को बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है। डीआईजी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने इनाम राशि को दोगुनी करते हुए एसएसपी विपिन टाडा को निर्देश दिए हैं कि फरार पिता-पुत्र को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के निर्देश पर पुलिस और राजस्व विभाग ने गैंगस्टर एक्ट के तहत चिन्हित की गई इकबाल बाल्ला, जेल में बंद पूर्व एमएलसी और उसके भाई महमूद अली और बेटों की 148 संपत्तियों की पहचान कर उनको कुर्क करने की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के बाद एसपी ग्रामीण सूरज कुमार राय ने बताया कि जब्त की गई संपत्तियों की कीमत 203 करोड़ रूपए थी। सूरज कुमार राय ने यह भी बताया कि 22 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ईडी की लखनऊ से पहुंची टीम ने 200 करोड़ रूपए की संपत्ति को सीज किया था। यह संपत्ति देहरादून-मसूरी मार्ग पर बगराल गांव के पास स्थित थी। एसएसपी विपिन टाडा ने आज लोगों से अपील की कि वे इकबाल बाल्ला और उनके परिजनों की बेनामी संपत्ति की जानकारी पुलिस-प्रशासन को देने का काम करे। पुलिस के मुताबिक इकबाल बाल्ला के भाई और बेटों के खिलाफ संगीन धाराओं में करीब एक दर्जन मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। जिनमें दुष्कर्म के मामले भी शामिल हैं।
इकबाल बाल्ला और उसके एक बेटे वाजिद अली को छोड़कर उसके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली और बेटे जावेद, अलीशान और अफजाल जेल में पहले ही बंद हैं। ध्यान रहे इकबाल बाल्ला और उसके परिवार के खिलाफ पुलिस प्रशासन की सभी कार्रवाइयां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में ही शुरू की गई हैं। योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ सात मुकदमें जो दर्ज किए गए लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई थी। दूसरे कार्यकाल में इकबाल बाल्ला और उसके परिवार पर पुलिस का शिकंजा कसा गया और कार्रवाई भी सामने आई। सारी कोशिशों के बावजूद इकबाल बाल्ला अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है।