शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 दिनेश कुमार ने बताया कि जनपद में एलएसडी बीमारी से ग्रसित 273 नये पशु चिन्हित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व से ग्रसित पशुओं में से 3757 पशु स्वस्थ हो गये हैं। उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणुजनित बीमारी है, अधिकांशतः यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में पायी जाती है। उन्होंने बताया कि रोग का संचारण, फैलाव, प्रसार पशुओं में मक्खी, चीचडी एवं मच्छरों के काटने से होता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से प्रभावित पशुओं को बुखार होना, पूरे शरीर में जगह-जगह गांठों (नोड्यूल) का उभरा हुआ दिखाई देना है। उन्होंने बताया कि बीमारी से ग्रसित पशुओं में मृत्यु दर अनुमानित 1 से 5 प्रतिशत है।
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि बीमारी की रोकथाम हेतु आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना, पशुओं में बीमारी को फैलाने वाले घटकों की संख्या को रोकना अर्थात् पशुओं को मक्खी, चीचडी, मच्छरों के काटने से बचाना, पशुशाला की साफ-सफाई दैनिक रूप से करना तथा डिस्इंफेक्शन (जैसे-चूना आदि) को स्प्रे करना, मृत पशुओं केे शव को गहरे अर्थात् न्यूनतम 5-6 फीट गहरे गड्ढे में दबाया जाना आवश्यक है। पशु पालको से अनुरोध है कि वह अपने बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशु से अलग बांधें।
उन्होंने बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा जनपद की समस्त गौशालओं तथा 603 राजस्व ग्रामों में डिस्इन्फैक्शन स्प्रे कराया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त बीमारी के सम्बन्ध में सूचना आदान-प्रदान करने तथा बीमारी की सूचना उपलब्ध कराने के लिये जनपद स्तर पर कलेक्ट्रेट में स्थापित कन्ट्रोल रूम नं0-9897715888, 9897749888 पर सूचित कर सकते है।