योगाचार्य मोहनलाल आर्य

डॉ. दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

योगीराज नमन तुम्हे, शत शत बार प्रणाम।
हर पल का आभार है, पूर्ण किये सब काम।।1
पुरा फार्म के ग्राम से, अपने घर को गौन।
आंखों से नदियां बहे, जिव्हा होती मौन।।2
एक गुज़ारिश आप से, बना रखें संबंध।
प्रेम भाव का मोल हो, टूटे सारे बंध।।3
धन्यवाद है आपका, दिल से है आभार।
बड़े परिश्रम से किये, शिक्षण के सद्कार।।4
आप जहां भी जाइये, करें सकल उजियार।
यह तन स्वस्थ रहे सदा, बन जीवन उपकार।।5
बच्चों तक पहुंचा दिया, जीवन का व्यवहार।
कक्षा में होगी सदा, गुरुवर की जय कार।।6
छोटे छोटे योग से, बच्चें सीखें खेल।
शारद की किरपा बहे, संतो का हो मेल।।7 
दरबार कोठी, आगर (मालवा) मध्यप्रदेश

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