अवधेश कुमार निषाद मझवार, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
वीर शहीद जो वतन पर शहीद हुए,
सम्मान उन्हें अभी बाकी है |
जिस पथ पर चले वो आजादी के लिए,
उस पथ पर अपनी लाश बिछा दी थी ||
आजादी अभी अधूरी है..................
जिनको वास्तव में शहीदों का दर्जा मिले,
गुमनाम शहीद अभी बाकी है |
कम उम्र में फांसी पर झूल गए,
इंसाफ उन्हें अभी बाकी है ||
आजादी अभी अधूरी...............
वे चाहते थे उनके सपनों का,
भारत एक विश्व विख्यात बने |
गुलामी की जंजीरों से मुक्ति मिले,
देश के दुश्मनों ने ऐसा होने नहीं दिया ||
आजादी अभी अधूरी है...............
अमर शहीदों का एक सपना था,
देश में गरीबी खत्म हो जाएगी |
गरीब और गरीब अमीर और अमीर,
देश में बढ़ते चले गए ||
आजादी अभी अधूरी है............
वतन के शहीद ये चाहते थे,
भारत एक धर्मनिरपेक्ष बने ||
देश के कुछ दुष्ट नेताओं ने,
धर्म के नाम पर देश का सत्यानाश किया ||
आजादी अभी अधूरी है..............
आजादी अभी बाकी है,
व्याधि अभी बाकी है |
विदेशी लिबास-जुबान विदेशी,
खादी अभी बाकी है ||
आज़ादी अभी अधूरी है................
मध्यम वर्ग के लिए आजादी कहां,
आजादी है रईस राजनेताओं के लिए |
शहीद मन में बड़े दुःखी होंगे |
जिनके लिए देश आजाद कराया,
उन्हें आजादी कहां मिली ||
आज़ादी अभी अधूरी है...............
ग्राम पूठपुरा पोस्ट उझावली फतेहाबाद आगरा