सेक्शन 51 जीएसटी में टीडीएस काटने का प्रावधान

अवतोष शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

भारत में जीएसटी पर tds का कांसेप्ट 1 अक्टूबर 2018 से लाया गया था। जीएसटी में टीडीएस तब काटा जायेगा, जब किसी कॉन्ट्रैक्ट के तहत की गयी सप्लाई की कुल वैल्यू 2 लाख 50 हजार से अधिक हो जाती है। यदि किसी इंडिविजुअल सप्लाई की वैल्यू 2,50,000 से कम है, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट की कुल वैल्यू 250000 से अधिक है, तो भी टीडीएस काटा जायेगा। 
उदाहरण स्वरूप आपने 5 लाख का कांटेक्ट लिया है, और सप्लाई केवल एक लाख की है, तो भी आप का टीडीएस कटेगा। साथ ही यदि जीएसटी की राशि को जोड़कर यदि कुल धनराशि ढाई लाख बैठती है, तो टीडीसी नहीं कटेगा, जीएसटी से अतिरिक्त कुल सप्लाई की वैल्यू ढाई लाख होना अनिवार्य है। IGST एक्ट के अनुसार 2.5 लाख से अधिक सप्लाई होने पर 2 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि सप्लाई एक स्टेट के भीतर की जा रही है तो 1% SGST व 1% CGST काटा जायेगा और यदि inter state सप्लाई की जा रही है तो 2 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि Tds deductor द्वारा जिस महीने में टीडीएस काटा गया था, उस महीने के समाप्त होने के बाद 10 दिनों के भीतर अर्थात अगले माह की 10 तारीख तक, tds की राशि  गवर्नमेंट को जमा करवानी होगी, टीडीएस की राशि सरकार को जमा कराने की तिथि से 5 दिनों के भीतर deductor द्वारा deductee को टीडीएस सर्टिफिकेट issue करना अनिवार्य है। यदि टीडीएस सर्टिफिकेट deductee को जारी नहीं किया जाए तो deductor पर रुपए 100 की प्रति दिन पेनल्टी लगायी जायेगी, लेकिन पेनल्टी की यह राशि रुपए 5000 से अधिक की नहीं हो सकती। पेनल्टी टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने की समयावधि (5 दिन ) समाप्त होने के बाद लगनी शुरू हो जाएगी। 
अधिवक्ता कर सलाहकार मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश

Post a Comment

Previous Post Next Post