शि. वा. ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. महावीर सिंह फौजदार ने कहा कि आत्महत्या के विषय में सोचना भी गलत है। जब हम स्वयं अपने जीवन का आरंभ नहीं कर सकते तो उसका अंत करने के बारे भी सोचना गलत है। डा. फौजदार ने यह बात बतौर मुख्य अतिथि विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को यहां आयोजित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम का आयोजन डीएवी डिग्री कॉलेज में किया गया था।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशान्त कुमार ने कहा कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। उन्होंने चिंता की जगह चिंतन करने व रोग से बचाव के लिए किए जाने वाले उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जीवन अनमोल है जिंदगी बार-बार नहीं मिलती, जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखिए, जिंदगी से प्यार करिए, आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण डिप्रेशन है । डिप्रेशन दूर करने के लिए नियमित रूप से योगा करना चाहिए। अपने आप को व्यस्त रखने का प्रयास करें, जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें, उसे प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करें, जीवन को सार्थक बनाएं, दूसरों के लिए मिसाल कायम करें।
मनोचिकित्सक डॉ. अपर्ण जैन ने कहा कि मानसिक रोग के प्रमुख लक्षणों में नकारात्मक विचार के साथ पर्याप्त नींद का नहीं आना, मिर्गी का दौरा पड़ना, अचानक बेहोश होना, हाथ व पैर में झुनझुनी होना, भीड़ में जाने से घबराना, आत्महत्या करने का विचार आना या कोशिश करना, बिना किसी कारण अचानक घबराहट होना, किसी के आसपास न होने के बाद भी किसी के होने की आशंका होना, अपने आप से बात करना आदि शामिल है। इसमें से किसी भी लक्षण के महसूस करने पर जिला मुख्यालय स्थित मानसिक रोग निवारण प्रकोष्ठ से संपर्क करें जहां इलाज के लिए दवा के साथ उचित परामर्श देने की व्यवस्था है।
विश्व आत्महत्या निषेध दिवस पर डीएवी डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित
byHavlesh Kumar Patel
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