उच्च न्यायालय ने लगाई पुलिस द्वारा बलपूर्वक कार्यवाही पर रोक
शि.वा.ब्यूरो, गौतमबुद्ध नगर। रास्ते पर अवैध अतिक्रमण करने के विरुद्ध जनहित याचिका दाखिल करने वाले रामशंकर शर्मा व अन्य के विरुद्ध हुए न्यायालय एसीजेएम फर्स्ट द्वारा चरण सिंह बनाम रमा शंकर आदि में सम्मन जारी करने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाते हुए चरण सिंह को नोटिस जारी किया है और किसी भी प्रकार के पुलिस द्वारा बलपूर्वक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार चौधरी ने न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की पीठ को बहस के दौरान बताया कि याची 2014 से ही रास्ते पर अतिक्रमण को लेकर शिकायत करता आ रहा है। जिस पर पुलिस के द्वारा जांच में रास्ते पर अवैध कब्जा, अतिक्रमण होने की बात सही होने पर उपजिला मजिस्ट्रेट ने धारा 133 सीआरपीसी के तहत अगस्त 2015 में चरण सिंह, धर्म पाल, रविंदर, लिखीराम, जयपाल के द्वारा रास्ते पर किये अवरोध, अतिक्रमण को हटाया जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद ही विपछियो ने याची को घर मे मारा-पीटा तथा गाली गलौच दिए जाने पर याची ने न्यायालय प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहा कंप्लेंट केस किया, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया।
विपक्षियों ने भी जवाबी कार्यवाही में याची के विरुद्ध एक झूठा कंप्लेंट केस फ़ाइल करने पर याची को सम्मन जारी होने पर क्रिमनल रीविशन केस अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम के यहां दाखिल करने पर न्यायालय ने रिवीजन याचिका खारिज कर दिया। याची के अधिवक्ता सुनील कुमार चौधरी ने बहस के दौरान बताया कि याची ने अतिक्रमण के विरुद्ध एक जनहित याचिका भी दाखिल कर रखी है, जिस पर न्यायालय ने कोई भी पुलिस या बलपूर्वक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए विपक्षियों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 8 नम्बर 2021 नियत की है।