जंगल बचाओं-पेड़ लगाओं मुहिम के मद्देनजर दिव्यांग व सकलांग बच्चों ने आयोजित की बाल संसद

 

जैसा कि हम सभी बखूबी जानते हैं कि वनों एवं वृक्षों के अंधाधुंध कटाई, बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के कारण देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों की राजधानियों का फेफड़ा आक्सिजन की कमी के कारण हांफ रहा है। ऐसे समय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं पौधरोपण को प्रोत्साहित करने हेतु देश के विभिन्न प्रदेशों के दिव्यांग एवं सकलांग छात्र छात्राओं ने बकस्वाहा जंगल को बचाने में लगे डॉ० धर्मेंद्र कुमार, पीपल, नीम, तुलसी मिशन संस्थापक- बिहार, दिव्यांग बच्चों के शिक्षक आलोक कुमार सिंह एवं सरदार पटेल सेवा आश्रम ट्रस्ट - लखनऊ के अनुज कुमार एवं श्रीमती प्रेम लता पटेल के कुशल दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन में 9 अगस्त 2021 क्रांति दिवस को बाल संसद का सफल आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन रोशनी प्रजापति, मध्य प्रदेश जो शत-प्रतिशत दृष्टिबाधित दिव्यांग है, ने किया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों की ओर से बाल सांसद के रूप में गौरव (करनाल– हरियाणा), आरुष गंगवार (कानपुर–उत्तर प्रदेश), निशा कबीर पंथी (मध्य प्रदेश), पवन वंजारी (नागपुर- महाराष्ट्र), पवन कुमार (छपरा–बिहार), हर्ष मेहरा (होशियारपुर-पंजाब), आसना सिंह (सोनभद्र–उत्तर प्रदेश), पिंटू कुमार (नालदा–बिहार), माधुरी पटेल (करछना-प्रयाग), सोमेश कुमार पाण्डेय (चतरा– झारखण्ड), कृषांत ए. सिंह (सोनभद्र–उत्तर प्रदेश), जगदीश यादव (हरदोई–उत्तर प्रदेश), गिरिराज जोशी रहे। वरिष्ठ सांसद व बाल संसद के कार्रवाई के निगरानी, निरीक्षण, निर्देशक के रूप में नरेश सिंह नयाल, पवन वंजरी, सुमित कुमार, जगदीश कुमार, अनुज कुमार, प्रमोद पटेल, नित्यानन्द सिंह, रोहित कुमार गुप्ता, गोपाल शर्मा, प्रमोद कुमार पटेल, यशपाल आर्या, अखिलेश कुमार, अमरेश सिंह, शशि राज, सरोज सोनी, धनंजय कुमार, पिंटू कुमार, धीरेंद्र सचान, डा० धर्मेंद्र पटेल, अनुराग विशनोई, श्रीमती अंकिता सचान, जगदीश यादव आदि पर्यावरणविद्, शिक्षक, समाज सेवी व अन्य गणमान्य जन कार्यक्रम में शामिल हुए।
कार्यक्रम समन्वयक व दिव्यांग बच्चों के शिक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया की आज के कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों- हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान आदि के विद्यार्थियों को वक्ता एवं अन्य सभी कार्यक्रम प्रतिभागियों (सकलांग व दिव्यांग) का श्रोता, पैनलिस्ट, आयोजक, निरीक्षण के रूप में हार्दिक स्वागत किया गया है। कार्यक्रम की सबसे बड़ी खासियत रही कि इस बार संसद में दिव्यांग, सकलांग, बालक एवं बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और जंगल बचाओ पेड़ लगाओं विषय पर सारगर्भित, नये विचार प्रस्तुत किया।
नरेश सिंह नयाल, नित्यानंद सिंह ने बाल संसद के रूप में पर्यावरण जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम को आकर्षक व रोचक बताया। कार्यक्रम में पंजाब से पधारे अनुराग विश्नोई ने 422 पेड़ प्रति व्यक्ति वैश्विक मानक आवश्यक व भारत में 48 पेड़ प्रति व्यक्ति उपलब्ध पर चिंता जताई। आगे के वक्तव्य में विश्नोई ने राजस्थान के खेजड़ी वृक्ष को बचाने हेतु चिपको आंदोलन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मेंटर डाक्टर धर्मेंद्र कुमार ने हीरो के लालच में हजारों पेड़ों की कुर्बानी पर आमादा बकस्वाहा जंगल पर चर्चा कर सबसे बकस्वाहा जंगल बचाओं हेतु आह्वान किया।
कार्यक्रम के समापन पर नरेश सिंह नयाल ने स्व रचित पर्यावरण गीत व विभिन्न उदाहरणों, प्रकरणों, दृष्टांत के माध्यम से सबको जाग्रत करने का कार्य किया। नित्यानंद सिंह ने शत् प्रतिशत दृष्टिबाधित दिव्यांग छात्रा व कार्यक्रम संचालिका रोशनी प्रजापति के कुशल संचालन व पूरे जोश-खरोश के साथ बाल सांसदों का बाल संसद में जंगल बचाओं पेड़ लगाओं पर अपनी बात व हृदय के उद्गार रखने हेतु सभी का भूरी-भूरी प्रशंसा की।
महाराजगंज से पधारे शिक्षक प्रमोद कुमार पटेल ने वृक्षारोपण व वृक्षारोपण के महत्व के साथ परिवर्तन की बयार एवं वृक्षारोपण से हरा भरा काया कल्प को प्राप्त अपने विद्यालय प्रांगण व आस पास क्षेत्र के चार्म को बताया की कैसे परिवर्तन हेतु उन्होंने स्थानीय एवं कार्यक्षेत्र स्थल पर परिवर्तन किया।
कार्यक्रम के अंत में आलोक कुमार सिंह ने कार्यक्रम में शामिल सभी बाल सांसदों, महानुभावों व कार्यक्रम सहयोगियों व कार्यक्रम मेंटर डाक्टर धर्मेंद्र कुमार जी के प्रति आभार जताते व क्रांति दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाइयां देते हुए समापन की घोषणा किया।

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