वाणिज्य कर आयुक्त ने 2017-18 के प्रथम तिमाही के वादों का कर निर्धारण 31 मार्च 2021 तक करने के निर्देश दिये 


शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में कार्यरत समस्त जोनल एडीशनल कमिश्नर, समस्त ज्वाइन्ट कमिश्नर, समस्त डिप्टी व असिस्टेन्ट कमिश्नर को लिखे पत्र में प्रदेश के विभागीय आयुक्त ने अमृता सोनी ने उत्तर प्रदेश वैट अधिनियम 2008 से संबंधित वर्ष 2017-18 के प्रथम तिमाही के वादों का कर निर्धारण 31 मार्च 2021 तक करने के निर्देश दिये है।
वाणिज्य कर विभाग की आयुक्त अमृता सोनी ने कहा है कि पूर्व में 50 लाख से अधिक करयोग्य विक्रयधन वाली निर्माता इकाई तथा 01 करोड़ से अधिक करयोग्य बिक्री करने वाली ट्रेडिंग इकाइयों के सम्बन्ध में समस्त विधिक कार्यवाही हेतु डिप्टी कमिश्नर, 15 लाख से 50 लाख तक करयोग्य विक्रयधन वाली निर्माता इकाइयों तथा 25 लाख से 01 करोड़ तक करयोग्य बिक्री करने वाली ट्रेडिंग इकाइयों के सम्बन्ध में समस्त विधिक कार्यवाही हेतु असिस्टेन्ट कमिश्नर, 15 लाख तक करयोग्य विक्रयधन निर्माता इकाइयों तथा 25 लाख तक करयोग्य बिक्री करने वाली ट्रेडिंग इकाइयों के सम्बन्ध में समस्त विधिक कार्यवाही हेतु वाणिज्य कर अधिकारी को अधिकृत किया गया था। वाणिज्य कर आयुक्त ने अपने पत्र में कहा है कि वर्ष 2017-18 के केवल प्रथम तिमाही के वादों का ही कर निर्धारण किया जाना है। अतः प्रथम तिमाही के टर्नओवर को चार गुना करने पर जो टर्नओवर प्राप्त हो, उसके आधार पर कर निर्धारण अधिकारी के मौद्रिक क्षेत्राधिकार को निर्धारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि खण्ड में तैनात डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर, असिस्टेन्ट कमिश्नर वाणिज्य कर एवं वाणिज्य कर अधिकारी सुसंगत धाराओं के अंतर्गत अपने खण्ड के भौगोलिक क्षेत्र मे स्थित व्यापारियों के सम्बन्ध में उपरोक्त सीमा के अन्तर्गत कार्यवाही करें।


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