विश्वकर्मा समाज, राजनीति और राजनैतिक दल


आरसी शर्मा पांचाल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

परिवार फरीदाबाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के ना यहते भी और देश में में विश्वकर्मा समाज की राष्ट्रीय राजनैतिक भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल का भारत का सबसे बड़ा और पक्षधर संगठन होने के दायित्व का निर्वहन करना एवम सत्य की स्वीकार्यता समाज को कराना मेरा प्रमुख धर्म बनता है, इसलिए मैं पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इन्द्रजीत उर्फ बब्बू रामगढिय़ा विश्वकर्मा के द्वारा दूसरे समाज के महेन्द्र सिंह राजपूत की पार्टी में संरक्षक की भूमिका से आहत हूं। यह कार्य इंद्रजीत सिंह विश्वकर्मा ने क्यों किया मुझे नही मालूम, लेकिन यह निंदनीय है। इंद्रजीत सिंह के दादा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता थे। अगर इन्द्र जीत कांग्रेस ज्वाइन करते तो कही तक न्याय संगत भी मान लिया जाता या कांग्रेस भाजपा बसपा सपा सभी के दरवाजे बन्द थे तो महेन्द्र राजपूत की क्षेत्रीय आरएसवीएल जैसी पार्टी का क्या वजूद जो आज तक सभी राष्ट्रीय पार्टियां विश्वकर्मा समाज की अनदेखी करती आयी है, वही महेन्द्र राजपूत जैसे नेताओं का उद्देश्य है।अभी तक तो यह पार्टी ढंग से खड़ी ही नही हुई, फिर क्या हम भविष्य में इसके खड़ी होने का इन्तजार कर फिर से समाज की उपेक्षा का मंजर देखना चाहते है। इससे देश के उन विश्वकर्मा बन्धुओं की आत्मा को जरूर पीड़ा हुई होगी, जो विश्वकर्मा बन्धु इंद्रजीत सिंह विश्वकर्मा को पसंद करते होंगे। अगर आसमां से घिरे ही थे तो खजूर पर क्यों अटके?

क्या विश्वकर्मा समाज की राजनैतिक पार्टियों की कमी थी। आप गौरीशंकर एडवोकेट की पार्टी दिल्ली-बिहार विश्वकर्मा समाज  पर पकड़ वाली एसपी सिंह मेरठ की न्याय पार्टी, हरीश मैथिल की आदर्श जनहित पार्टी बदायूं, महावीर जांगड़ा त्रिनगर की राष्ट्रीय बहुजन हिताय पार्टी, पीसी विश्वकर्मा हिमाचल की नवभारत एकता दल पार्टी और सूर्यकांत की पांचाल महरौली दिल्ली के द्वारा बनी राष्ट्रीय शुभ चिंतक विपक्ष पार्टी आदि विश्वकर्मा वंशजों के द्वारा बने विश्वकर्मा राजनैतिक दलों में भागीदारी कर संरक्षक बन कर अपने विश्वकर्मा हित और समाज धर्म का पालन कर सकते थे, जो आपने नही किया। मुझे तो व्यक्तिगत तौर पर कोई परेशानी नहीं है। मै सम्पूर्ण विश्वकर्मा समाज की आहत भावनाओं के मद्देनजर एवम भारत राष्ट्रीय विश्वकर्मा विकास राजनीति का पक्षधर होने के नाते हक रखता हूं कि  मैं आप को अपनी बात समझा सकूं और आग्रह करुंगा कि इंद्रजीत सिंह मेरी बातों का मुझे उचित उत्तर अवश्य दें।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष फरीदाबाद हरियाणा, राष्ट्रीय न्याय मंच भारत हरियाणा


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