सखी-सहेली तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ

शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। स्कूल ना जाने वाली किशोरी बालिका (11 से 14 वर्ष) की बहुआयामी आवश्यकता को समझने एवं किशोरी बालिकाओं को औपचारिक शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए किशोरी बालिकाओं के लिए Scheme for adolescent Girls (SAG) योजना के अतर्गत सखी-सहेली तीन दिवसीय प्रशिक्षण की विकास भवन के सभागार में शुरुआत की गई। जिलाधिकारी ने सेल्वा कुमारी जे, मुख्य विकास अधिकारी आलेक यादव ने इसका शुभारंभ किया। यह योजना उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में लागू की गई है।

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि किशोरावस्था बचपन और महिलावस्था के बीच की अवधि है जो प्रत्येक महिला के जीवन का अत्यंत ही महत्वपूर्ण चरण है। उन्होंने किशोरी और बालिकाओं को स्कूल और पढाई का महत्व समजाते हुए पढाई के लिए प्रेरित किया। जिला प्रोबोशन अधिकारी मो. मुशफेकीन ने किशोरी और बालिकाओं के योजना के बारे में समझाया और बताया कि इस योजना का मुख्‍य उदेश्‍य किशोरियों को सहयोग प्रदान कर स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण एवं शिक्षा के स्‍तर में सुधार करना है ताकि वे आत्‍म निर्भर और जागरूक बने सके। यह योजना खास तौर पर किशोरी बालिकाओं के लिए चलाई गई है 11-14 वर्ष की वह बालिकाए जिनकी किसी बी कारण वंश पढ़ाई छूट जाती है उन्हें सरकार की तरफ से सहायता दी जाती है। ताकि शैक्षिक स्तर में सुधार किया जा सके। यह सभी आंगनबाड़ी केंद्रो पर किशोरी दिवस के रुप में मनाया जाएगा। और कुपोषण को कत्म करने में भी सहायता करेगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने किशोरी और बालिकाओं को पोषण संबधी जानकारी दी और किचन गार्डन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशोरावस्था के लिए पोषण कितना जरुरी है साथ ही बाल विकास परियोजना अधिकारी और प्रभारी और समस्त मुख्य सेविकाओं को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप(जो गाय रखने के इच्छुक हो) सैम और अतिकुपोषित बच्चों के अभिभावकों की सूची बनाकर दे ताकि उन्हें कुपोषित बच्चों के लिए गाय दी जा सके। उन्होने गैर पोषण मद के तहत किशोरी बालिकाओं को औपचारिक स्कूली शिक्षा वाप  लाने, कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने, आई.एफ.ए टेबलेट का सेवन, स्वास्थ्य जांच एवं जीवन कौशल शिक्षा, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंचने के लिए मार्गदर्शन किया।

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