कुमारसैन के बरेड़ धार इलाके के आराध्य है धमूनी नाग

डा हिमेंद्र बाली 'हिम', शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

कुमारसैन तहसील की शलौटा पंचायत के अंतर्गत बरेड़ इलाके के पलारन गांव में धमूनी नाग का पैगौडा शैली का भव्य मंदिर शोभायमान है। नाग धमूनी पलारन, अड़ोथ, सुमनी सवाना, चेड़ा और दोगरी गांवों में दैवीय सत्ता के प्रमुख है। पलारन गांव के प्रेम चंद मेहता के अनुसार यहां नाग की प्रतिष्ठा धमूनी नाग के मूल स्थान डमेहल स्यांज बगड़ा से यहां बसे व्यक्ति ने की। जब धमूनी नाग यहां आए तो इस क्षेत्र के अधिपति कोटेश्वर महादेव ने बरेड़ क्षेत्र गांव में प्रतिष्ठित होने की अनुमति दी। चूंकि बरेड़ क्षेत्र कोटेश्वर महादेव के वजीर मलैण्डू के अधीन था, अत: छबीशी क्षेत्र से बरेड़ क्षेत्र को नाग धमून को दिया गया। नाग धमूनी को महाभारत के धनुर्धर कुन्त्ती पुत्र अर्जुन का रूप माना जाता है। एक अन्य परम्परा के अनुसार इनका ऋषि विरागी रूप भी माना जाता है।एक अन्य मत के अनुसार नाग नारायण रूप भी है।

बहुप्रचलित मान्यता है कि नाग धमूनी अर्जुन के रूप माने जाते हैं।सम्भव है कि अर्जुन अर्थात् नर व नारायण का ही संयुक्त रूप है। नर अर्थात् नाग व नारायण का संयोजन हिन्दू परम्परा में जगजाहिर है। नाग धमूनी के साथ पलारन में चाकुर और नया देवता अधीनस्थ देव हैं। नाग धमूनी के प्रांगण में ऋषि पंचमी के दिन भुंजु मेले का भव्य आयजन होता है। इस दिन नाग देवता मंदिर से रथारूढ़ होकर मंदिर प्रांगण में आते हैं। रात को नाग की ओर से सभी लोगों को भोज दिया जाता है। मंदिर की ओर से सभी को मंदिर में संग्रहीत घी दिया जाता है। इस अवसर पर घी खाना शुभ माना जाता है। अगामी दिन नाग देवता तीन गांव-पलारन, अड़ोथी और सवाणा जाकर लोगों को आशीष प्रदान करते हैं। नाग धमूनी गोवंश के रक्षक माने जाते हैं। गाय का आरम्भ का दूध एक सप्ताह तक किसी को भी नहीं दिया जाता है। इस दूध से नाग के लिए घी तैयार कर नाग को अर्पित किया जाता है। घी को नाग के भण्डार में गोवंश व दूध-घी की वृद्धि के लिए दिया जाता है। क्षेत्र के नव दम्पत्ति विवाहोपरांत सबसे पहले मंदिर में जा कर आशीष ग्रहण करते हैं। तीसरे वर्ष अड़ोथी गांव में पर्वत पूजा हुण्डा का आयोजन होता है, जिसमें नाग शिरकत करते हैं। मंदिर की प्रतिष्ठा एक वर्ष पूर्व हुई। इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप मलैण्डी के राजगीर परसराम ने अपनी राजगीरी से सम्पन्न किया। मंदिर कमेटी में कारदार, पुजारी भण्डारी आदि हैं, जो मंदिर प्रशासन का कार्य सम्पन्न करते हैं। मंदिर के पुजारी पाऊची गांव के सुन्दर लाल हैं। बरेड़ क्षेत्र में नाग धमूनी की बड़ी मान्यता है। यहां के लोग सामाजिक परम्पराओं का बखूबी वन किए हुए है।

 

अध्यक्ष स्वर मृदुला कुमारसैन (शिमला) हिमाचल प्रदेश

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