डॉक्टर मिली भाटिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
तेरे दिल का मेरे दिल से रिश्ता पुराना है
इन आँखों से हर आँसू मुझको चुराना है
मेरे सारे आँसू चुराने वाली तू ख़ामोश, आँखों में पानी, चेहरे पर मुस्कुराहट, अपने दर्द में भी ख़ुश रहने वाली, हर फ़ील्ड में पर्फ़ेक्ट गर्ल है तू। तू मेरी हर दर्द की मेडिसिन है, तू तब है, जब कोई नहीं है। तू जितना मुझे समझती है, उतना और कोई नहीं। जब तेरे हाथ पकड़ती हूँ, तब लगता है अपनी मम्मी के हाथ पकड़ रही हूँ। मिले हुए हमें बहुत साल हो गये हैं, पर वो एहसास मेरे साथ है। तू आँखों में हमेशा पानी लिए, मुस्कुराती हुई, चुप-चुप सी मेरी सबसे अनमोल दोस्त है। बहुत ही कम बोलती है, उसूलों की पक्की, हर चीज़ में पर्फ़ेक्ट, दिखावे से कोसों दूर, सोने के दिल वाली लड़की है तू। हम घंटो बातें करते थे। रात को 11 बजे से सुबह 6 बजे तक, पर तू बहुत कम बोलती थी और में लगातार। वो वक्त वो एहसास कितना क़ीमती है, महसूस होता है हमेशा।
तू वो है जिस पल लोग कहते हैं, कितना हंसती है मिली, तब हंसी के पीछे के सारे दर्द ना जाने कैसे महसूस कर लेती है तू। तुझे पूछने की भी कभी ज़रूरत नहीं पड़ी। मेरी हर बात बिना कहे, कैसे समझ जाती है तू। याद है एक बार तू और मैं बात कर रहे थे, मैंने बताया लोग कहते हैं कि भगवान जो करते हैं, हमेशा अच्छे के लिए करते हैं। कितनी ग़ुस्सा हो गई थी तू, एकदम से ख़ामोश रहने वाली, बोली-इसमें क्या अच्छा हुआ कि भगवान ने तुझसे तेरी मम्मी को छीन लिया। कैसे बोल पड़ी तू, कैसे कोई इतना अपना हो सकता है? 15 साल पहले जब कोई नहीं था साथ, तब मेरे बर्थडे पर रात को 12 बजे विश करके तूने एक फ़ोटोफ़्रेम दिया था, पिंक कलर का। मम्मी के साथ की फ़ोटो लगी हुई है उसमें आज भी। तब अपनी दोस्ती हुई ही थी, मैं कभी तुझे इतना नहीं समझ पाई, पर प्यार कम नहीं हुआ अपना कभी। कई बार बहुत-बहुत वक्त हम एक दूसरे से बात नहीं कर पाए। तू डायमंड है, मेरी ज़िंदगी का। तू मेरे सारे आँसू की एकमात्र गवाह है। लव यू टू द मून एंड बैक.....।
रावतभाटा, राजस्थान
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