शि.वा.ब्यूरो, शामली। जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष देवी ने कहा कि महिलाओं के हाथ में सेहत की कुंजी होती है, वह चाहे तो अपने परिवार को सेहतमंद रख सकती है, बस ध्यान देना है उनके पौष्टिक भोजन पर। बच्चों के खानपान और उनकी सेहत का शुरू से ध्यान रखा जाए तो वह कभी कुपोषण के शिकार नहीं होंगे। संतोष देवी ने यह बात राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ग्राम भाजू विकास खण्ड शामली में शनिवार को आयोजित पोषण पंचायत में कही। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी पोषण वाटिका लगाएं, जिससे ताजी, हरी और पौष्टिक सब्जियां प्राप्त हो सकें। उन्होंने आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगायी गयी पोषण प्रदर्शनी, रेसिपी और पोषण रंगोली का अवलोकन किया और उनके कार्यों की सराहना की।
विशिष्ठ अतिथि भाजपा के महिला प्रकोष्ठ की महामंत्री रुबी देवी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान भी आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर पुष्टाहार बांटना, सर्वे करना, बच्चों का वजन लेना सहित सभी कार्य किए, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। इसलिए जिले में हर बच्चे और गर्भवती महिलाओं का कुपोषण से बचाव जरूरी है। सभी को सामूहिक रूप से इसके लिए प्रयास करने चाहिए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चों के शुरुआती 1000 दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें से 270 दिन गर्भवस्था और 730 दिन बाल्यवस्था के होते हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच होना जरूरी है। इसके साथ ही टीकाकरण, आयरन की गोलियों का सेवन, संतुलित आहार, नियमित दो घंटे दिन में आराम करना जरूरी है। पैदा होने के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान, छह माह तक सिर्फ मां का दूध (शहद, पानी, घुट्टी कुछ भी नहीं) सात माह से अर्द्ध ठोस आहार की शुरुआत एवं दो वर्ष तक लगातार स्तनपान के साथ ऊपरी पौष्टिक आहार और टीकाकरण जरूरी है। इन सब बातों का ध्यान रख कर बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सकता है।
पोषण पंचायत में बाल विकास परियोजना अधिकारी ममता देवी, आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और ग्रामीण महिलाएं व पुरुष उपस्तिथ रहे। पंचायत के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का विशेष ध्यान रखा गया।
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