ईश्वर का प्रतिनिधि ही तो है कवि


निक्की शर्मा "रश्मि", शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसमें संवेदनाएं भरी हुई है और उसे वह पुरी तरह अभिव्यक्त भी कर सकता है। ईश्वर ने मनुष्य को गुण, भाव और संवेदना से समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए धरती पर जगह दी है। जीवन सुख-दुख, आशा- निराशा, सकारात्मक और नकारात्मक बातों से भरी हुई है। अपने इन्हीं विचारों को अभिव्यक्त करने का कार्य कवि रचनाकार अपनी लेखनी में करते हैं। कवियों ने अपनी रचनाओं से हर बात को हम सबके सामने बड़ी ही खूबसूरती से रखा है। ईश्वर ने कवि को यह कार्य सौंपा कि वह हर बात को सटीक और सुंदर तरीके से अपनी रचनाओं के माध्यम से सबके सामने रखें। यह ईश्वर का वरदान ही तो है कवियों को मिला जो हर एक संदेश को समाज दुनिया और देश के सामने अपनी रचनाओं से पहुंचाते हैं।

कवियों का यह धर्म भी है, ईश्वर ने अनुपम उपहार और वरदान दिया है। कवि पूरी तरह समर्पित होकर अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने कार्य को पूरी तरह कर रहे हैं। सुंदर सुंदर शब्दों द्वारा अपनी रचनाओं को सजाकर समाज में रखता है तो समाज कुछ जरूर सोचने पर मजबूर होता है। कभी के भाव को अभिव्यक्ति को समझना हर किसी के बस की बात कहां, कवि की सुंदर रचनाओं से जहां समाज जागृत होता है वही उसके चेहरे की खुशी सब साफ-साफ जाहिर कर देती है रचनाओं की गुणवत्ता को उसकी खूबसूरती को उसके भाव को। कवि मन और आत्मा में आए अपने विचारों को नई दिशा देता है। समाज को कुछ ऐसी चीजों से परिचय कराता है जिससे कुछ लोग अनजान होते हैं। कवि तो ईश्वर का प्रतिनिधि है ऐसा ही कहा जाए तो गलत नहीं मन में आए भावों को सामने रख देता है। काव्य सृजन द्वारा हर एक भाव को सामने रख अपना कर्तव्य निभाता है। कवि की रचना कभी-कभी नए विश्वास के साथ उर्जा तक भर देती है। एक अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है। ईश्वर ने इतनी सुंदर सृष्टि बनाई है कवि अपने सुंदर शब्दों से पिरो कर इसकी खूबसूरती को सबके सामने रखता है। कवि हर वह मुद्दा जो समाज से जुड़ा हो अपनी रचनाओं में इस तरह पिरोता है जिससे वह पूरी तरह जीवंत हो जाती है। मन की भावना को पढ़ना तो कवि बखूबी जानते हैं।

प्राकृतिक सौंदर्य हो या कोई मौसम अनुपम छटा हो या कोई ज्वलंत विषय हर बातों को अपनी रचनाओं के माध्यम से कवि अपने लिखे बातों से उसे जीवंत कर देता है। ईश्वर ने कवि को यह वरदान शायद जगत को सही राह दिखाने के लिए ही दिया है। अपने मन को शांत करने के लिए दिया है। अपने मन में उठ रहे जज्बात के उड़ते उड़ते सागर को शांत करने के लिए शायद उसकी कलम की धार तेज कर दी है। भाव, विचार और भाषा से अपने हृदय में उठती बातों को पूरे मनोयोग के साथ कागज पर उकेर देता है। कहा जाए तो कवि वह हर परिस्थिति को भांपकर आपके सामने रख देता है जिसे आप शायद सोच भी नहीं पा रहे थे वह आपको सामने जीवंत कर अपनी रचनाओं के माध्यम से रख देता है। साहित्य समाज का दर्पण इसलिए कहा जाता है। गुण, दोष ,अच्छी ,बुरी, खुशी, गम हर बात को अपने लेखन से समाज के सामने रख देता है। हर परिस्थिति का चित्रण बेखुदी ईमानदारी से करता है।

कवि ईश्वर का दिया वरदान है। ईश्वर ने संसार बनाया साथ में हर परिस्थिति को सबके समक्ष रखने के लिए कवि को प्रतिनिधि के रुप में संसार को सौंपा। कवि अपने प्रतिनिधित्व कर समाज को नई दिशा प्रदान करता है। साहित्य समाज का दर्पण होता है ऐसे ही नहीं कहा गया मां शारदे की कृपा सभी साहित्यकारों को मिली हुई है। कवि साहित्यकार साधारण मानव नहीं ईश्वर ने अनुपम रूप देकर संसार में अपनी रचनाओं से अपनी कृति से समाज को नई दिशा प्रदान करने के लिए इस संसार में उतारा है। वर्तमान में ऐसे कवि आज भी हैं जो अपनी बातों से सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं। सच्चाई का आईना बन समाज के सामने रखते हैं। जीवन की सच्चाई समाज के हर लम्हे को अपनी कविताओं अपनी रचनाओं के माध्यम से सबके सामने रख अलग और विशिष्ट बन जाते हैं। कवि अपनी कल्पना में हर पहलू को महसूस कर अपने बलबूते काव्य का सृजन कर अपनी प्रतिभा से रचना को जीवित कर देता है।

करुणा रस, प्रेम रस, वात्सल्य रस आदि विभिन्न विधाओं से भरपूर अपनी रचनाओं को सजाकर सुंदर बना कर समाज के सामने रखता है। यह ईश्वर की कृपा ही तो है कवि ईश्वर का प्रतिनिधि है यह कहना गलत नहीं होगा। सत्य और यथार्थ से रूबरू कराना आसान नहीं होता लेख कविताओं से अपने विचारों से मनजीत लेना सच्चाई को सामने रख देना कवि ही कर सकता है। जिसके लिखे रचना सीधे दिल पर छाप छोड़ देती है। सृष्टि के सुंदरता को सबके सामने रखने उसे निखारने के लिए कवि की रचना की है ईश्वर ने। संपूर्ण संसार की सुंदरता के साथ सामाजिक दृष्टिकोण रखने का वरदान कवि को दिया है। संसार के दृश्यों को जिस तरह कवि सबके समक्ष रखता है उसे आम आदमी कहां रख पाता है। जिस खूबसूरती से शब्दों को दिल में पहुंचा देता है एक-एक शब्द ऐसे ही नहीं यह तो ईश्वर का वरदान है जो ईश्वर ने कवि को दिया है। अच्छाई बुराई से रूबरू कराता कवि सच ईश्वर का प्रतिनिधि ही तो है। 

 

मुम्बई, महाराष्ट्र 

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