डाॅ दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
पाॅच बरस पूरे भये, बेटी गई स्कूल।
गिनती गिनना सीखती,नहीं करती हैं भूल।।
बोली बोले तोतली, भाषा अंग बनाय।
टन टन घंटी की सुने, दौड़त दौड़त आय।।
बेटी ठाड़ी सावधान, जन गण मन को गाय।
कॉपी पेंसिल हाथ में,आम अनार बनाय।।
इमली खट्टी जान के, रहती इससे दूर।
उल्लू औरत सीख गइ उच्चारण भरपूर।।
ए बी सी डी रटत है, पोयम करती गान।
हाथ धोए भोजन करें, बोतल पीवे पानि।
खेल खेलती रेस्ट में, रहती नंबर एक।
गुड्डा गुड़िया साथ हैं, राखे अपनी टेक।।
आगर (मालवा) मध्य प्रदेश
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