हवलेश कुमार पटेल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
कुछ ही समय पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर से टांसफर होकर कासगंज के अपर पुलिस अधीक्षक का पदभार सम्भालने वाले आदित्य प्रकाश वर्मा अपनी अनोखी कार्यशैली के चलते लोगों के चहेते बने रहते हैं। अभी हाल ही में उनको आईपीएस कैडर मिला है। इस बार भी उन्होंने अपनी खुशियों को अपने परिजनों के साथ सांझा करके अपने अनूठे होने का सबूत दिया है। उन्होंने अपने परिजनों के द्वारा ही अपनी वर्दी पर बैज सजवाये।
बता दें कि आदित्य प्रकाश वर्मा ने लम्बे समय तक सीएम योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर में एसपी यातायात के रूप में अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन किया है। इस दौरान उन्होंने अपने अधिनस्थों को बारिस व धूप से बचाने के लिए छाते का वितरण करके, दुपहिया वाहन चालकों को हैलमेट पहनाने के लिए कभी हैलमेट उपलब्ध कराने, कभी नसीहत करने को फूल भेट करने, कभी समझाकर, कभी डांटकर तो कभी जुर्माना वसूलने में अपनी अनूठी कार्यशैली का प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने स्कूल-कालेजों से लेकर बस स्टैण्ड़, रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डों तक जागरूकता कैम्पेन चलाया था। गोरखपुर में एसपी यातायात के पद पर रहते हुए एपी वर्मा के ऐसे संवेदनशील व्यक्तित्व से परिचय हुआ, जो बेमिसाल है।
हुआ यूं कि एक सुबह वे ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे, उन्होंने देखा कि उनके आवास में एक गोरैया घायल होकर तड़प रही है तो उन्होंने आनन-फानन में पशुचिकित्सकों को मौके पर बुलवाया और उस गोरैया का उपचार कराया। इसके बाद भी अपने कार्यालय गये। इसके साथ ही उन्होंने कोविड़ 19 के चलते लागू लाॅकडाऊन में गाजियाबाद में फंसे गोरखपुर के युवकों की मदद करके मानववादी होने का उदाहरण पेश किया था। हुआ यूं कि गोरखपुर निवासी कुछ युवक लाॅकडाऊन के दौरान गाजियाबाद में फंस गये थे। उनका आदित्य प्रकाश वर्मा से कोई परिचय नहीं था और न ही श्री वर्मा उन लोगों को जानते थे, लेकिन लाॅकडाऊन में फंसे गोरखपुर के लोगों को इतना पता था कि श्री वर्मा हर समय लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं, तो फिर उन्होंने वहीं से उन्हें फोन मिलाकर अपनी व्यथा बतायी तो आदित्य प्रकाश वर्मा ने गोरखपुर से ही फोन द्वारा स्थिति को मैनेज किया और उन्हें यथोचित सहायता उपलब्ध करा दी।
आईपीएस मिलने के बाद आदित्य प्रकाश वर्मा का मानना है कि प्रमोशन मिलने पर प्रसन्नता होना तो स्वाभाविक है, लेकिन इससे उनकी कार्यशैली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे पूर्व की भांति लोगों को न्याय दिलाने के साथ-साथ लाॅ एण्ड़ आर्डर के लिए पूरी सामथ्र्य के साथ कार्य करते रहेंगे।