शिक्षा विभाग की नीतियों के खिलाफ आंदोलन की शुगबुगाहट तेज (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-23, 04 जनवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


शि.वा.ब्यूरो, इलाहाबाद। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती में भरपूर मौके दिए जा रहे हैं, उसी के अनुरूप आवेदकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, लेकिन भर्ती के पद बढ़ाने की कोई सुगबुगाहट तक नहीं है। ऐसे में अभ्यर्थियों ने ही अब आंदोलन करने की ठानी है, ताकि शिक्षा विभाग के अफसर घोषित भर्ती के पदों में संशोधन करके उसे और बढ़ा दें। आंदोलन की मुहिम शुरू हो रही है।
ज्ञात हो कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। शासन ने इस भर्ती में हाल में ही बीटीसी 2012 बैच को भी शामिल करने का मौका दिया है। इसी को लेकर अभ्यर्थी नाराज हैं। उनका कहना है कि 15 हजार में बीटीसी 2011, विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007 एवं 2008 के युवाओं की शिक्षकों के रूप में भर्ती होनी थी, लेकिन इसमें डीएड व बीएलएड यानी विशेष शिक्षा वालों को भी मौका दिया गया है और अब बीटीसी 2012 को भी मान्य कर दिया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि किसी बैच विशेष से उनका विरोध नहीं है, लेकिन यदि नए लोगों को मौका दिया जा रहा है तो भर्ती के पद जरूर बढ़ाए जाएं।
विशिष्ट बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बीटीसी 2012 बैच के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने पदों का सृजन किया था, इसमें 19848 पद इस भर्ती से भरने की तैयारी थी। इसी बीच प्रदेश सरकार ने उर्दू भाषा के लिए नए सृजित पदों में से साढ़े तीन हजार पद आवंटित कर दिए, बाकी पदों के बारे में चुप्पी साध ली गई है। 


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