शि.वा.ब्यूरो, लखनऊ। मण्डलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बन्धु एवं प्रवासी कामगारों के समायोजन के सम्बन्ध मे “गूगल मीट”पर वी0सी0 के द्वारा बैठक सम्पन्न हुयी, जिसमें संयुक्त आयुक्त उद्योग पवन अग्रवाल औद्योगिक इकाईयों के संगठन के पदाधिकारी व उद्यमी सहित मण्डल के सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा बैठक में ऑनलाइन जुड़कर प्रतिभाग किया गया।
बैठक में औद्योगिक क्षेत्र चिनहट में अग्निशमन केन्द्र की स्थापना के सम्बन्ध में अग्निशमन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि यूपीएसआईडीसी द्वारा उपलब्ध करायी गयी जमीन पर मानचित बनवाकर ग्रह विभाग को प्रेषित गया है जिसके लिये मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि एक पत्र ग्रह विभाग को प्रेषित किया जायें औद्योगिक क्षेत्र चिनहट में उद्यमियों द्वारा काफी समय से अग्निशमन केन्द्र के स्थापना की मांग की जा रही है तथा सुरक्षा की दृष्टि से अग्निशमन केन्द्र की आवश्यकता भी है इसलिये प्रकरण पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अनुमति प्रदान की जायें।
अमौसी तथा सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र को नगर निगम को हस्तान्तरित करने के सम्बन्ध में निर्देश दिये गयें कि यू0पी0 सीडा को पत्र प्रेषित किया जायें, जिसमें यूपी सीडा द्वारा 200 मीटर सड़क पैच का निर्माण पूरा कर हस्तान्तरित करने की कार्यवाही की जायें तथा नगर निगम को पत्र प्रेषित किया जायें कि टेक ओवर कर अपने एक्ट के अन्र्तगत अनुमन्य टैक्स लेकर वहां पर सुविधाये प्रदान करें। औद्योगिक इकाईयों में विद्युत शुल्क घटाने के सम्बन्ध में प्रकरण को राज्य स्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक में संदर्भित करने के निर्देश दिये गयें। इण्ड्रस्ट्रीयल एरिया देवा रोड़ पर अतिक्रमण तथा सड़के क्षतिग्रस्त होने के सम्बन्ध में पी0डब्लू0डी0 विभाग को निर्देशित किया गया कि सड़क का सर्वे कराकर ट्रैफिक लोड के अनुसार सड़क को री डिजाइन करायें।
प्रवासी कामगारों के समायोजन की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि 06 माह की एक ठोस कार्य योजना बनाकर सम्बन्धित अधिकारी अपना प्रोएक्टिव रोल अदा करते हुए ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को समायोजित करायें। जनपदवार औद्योगिक ईकाइयों का सर्वे कराया जायें कि किस इण्ड्रस्ट्री में कितने श्रमिक है, कितने श्रमिकों की आवश्यकता है, कितने कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। औद्योगिक ईकाइयों की आवश्यक्तानुसार श्रमिकों को टेक्निकल प्रशिक्षण कराकर समायोजित कराया जायें। जनपदों में जिलाधिकारी के स्तर से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार, ओ0डी0ओ0पी0 वित्त पोषण योजना के प्रगति की समीक्षा की जायें तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा ऋण सम्बन्धी व अन्य आ रही समस्याओं का शीघ्र निस्तारण कराया जाये जिससे कि इकोनाॅमी गतिविधियां निरन्तर चलती रहे।