कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती: विरेन्द्र सिंह रावत


शि.वा.ब्यूरो, देहरादून।  उत्तराखंड के नैशनल फुटबाल कोच और क्लास वन रेफरी, अनगिनत अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्टेट अवार्ड से सम्मानित विरेन्द्र सिंह रावत ने 50 + को उम्र में साईकिल से 70 किलोमीटर लंबा सफर तय किया और देहरादून से एयर पोर्ट जॉली ग्रांट देहरादून एक दिन मे जाना हुवा फिर वापस आए। रावत ने एक बार आधे रास्ते मे सोचा वापस आ जाए, लेकिन देखना चाह की क्या 50+ की उम्र मे क्या 70 किलोमिटर सफर तय कर सकता हू और अपने जुनून और हिम्मत के बल पर साकार किया और सफलता पूर्वक एक दिन में ही आना-जाना हुआ, इसलिए कहा गया है कि असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो। क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो। जब तक ना सफल हो, तुम नींद-चेन को त्यागो, तुम संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागों। तुम कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती। 


विरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सप्ताह मे एक दिन साईकिल 40 से 100 किलोमिटर चालानी चाहिए, जिससे आपके पैर बहुत मजबूत होंगे। कोरोना महामारी भारत मे 25 मार्च 2020 से आया तब से खेल की सारी गतिविधि बंद पड़ी है, इसलिए समय समय पर रावत सारे कामों मे हाथ आजमाया और सफल हुए। 100 दिन तक ऑन लाइन फ्री फुटबाल कोचिंग दी, सभी को जागरूक किया। घर की साफ-सफाई, पौधों की देखभाल, ऑर्गेनिक सब्जी उगाई, पैंट पुताई की, झाड़ू, पोछा मारा, खाना बनाया, बचों के साथ गेम खेला, डांस किया, गरीब की हेल्प की, पुलिस को जूस पिलाया, सामाजिक कार्य किए निशुल्क, तनाव से मुक्त होने के उपाय बताए, कम बजट मे घर का खर्च कैसे चले, इम्यूनीटी, रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे विकसित हो से अवगत कराया, सकारात्मक सोच व विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से अवगत कराया। 


विरेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि इस वर्ष खेल की गतिविधि होना बहुत मुश्किल है, क्युकि कोरोना महामारी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है, इसलिए सभी से निवेदन है कि सोशल डिस्टेंस का जरूर उपयोग करे, भीड़ वाली जगह पर बिल्कुल मत जाए, मास्क का उपयोग करे, फिटनेस करते रहे, हल्दी का दुध पीते रहे पीना चीनी के सुबह और शाम साईकिल से अपनी फिटनेस भी करते रहे। 

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