कौन


डा. किरण पांचाल, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

 मैं रूठा,

      तुम भी रूठ गए,

      फिर मनाएगा कौन ?

 

 आज दरार है,

      कल खाई होगी,

      फिर भरेगा कौन ?

 

 मैं चुप,

     तुम भी चुप,

     इस चुप्पी को

     फिर तोडे़गा कौन ?

 

 छोटी बात को, 

      लगा लोगे दिल से,

      तो रिश्ता फिर 

      निभाएगा कौन ?

 

 दुखी मैं भी 

      और तुम भी बिछड़कर,

      सोचो हाथ फिर 

      बढ़ाएगा कौन ?

 

 न मैं राजी

     न तुम राजी,

     फिर माफ़ करने का

     बड़प्पन दिखाएगा कौन ?

 

 डूब जाएगा,

      यादों में दिल कभी,

      तो फिर धैर्य 

      बंधायेगा कौन ?

 

एक अहम् मेरे,

      एक तेरे भीतर भी,

      इस अहम् को 

      फिर हराएगा कौन ?

 

 ज़िंदगी किसको 

       मिली है सदा के लिए ?

       फिर इन लम्हों में अकेला

       रह जाएगा कौन ?

 

मूंद ली दोनों में से, 

      गर किसी दिन एक ने आँखें,

      तो कल इस बात पर फिर

      पछतायेगा कौन ?

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