केबी सिंह एडवोकेट, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
सच बोलना बहुत आसान है, फिर भी पता नहीं लोग झूठ क्यों बोलते हैं। सच बोलने के कई फायदे हैं। एक तो आपको याद नहीं रखना पड़ता कि अपने किस से क्या बोला है, दूसरा झूठ आज नही तो कल सामने आता जरूर है। कभी-कभी लोगो को लगता हैं कि हमने फलाने को झूठ बोल कर बेवकूफ बना दिया, लेकिन वह यह कभी नहीं सोचता है कि अगला व्यक्ति कही मित्रता या सम्बन्ध के वज़ह से तुम्हारी बकवास सुन रहा है। झूठ बोलने वालों के चहरे पर कभी तेज़ नही हो सकता, लाख वह शुन्दर हो, परन्तु वह प्रकाश की हमेशा कमी रहती हैं, जो एक सच बोलने वाले व्यक्ति में होती हैं।
सच बोलने वाला व्यक्ति का आत्मविश्वास बहुत बड़ा होता हैं और झूठ बोलने वाले व्यक्ति को हमेशा यह डर लगता रहता है कि कही उसका झूठ न पकड़ा जाए। मैने देखा है कि कभी-कभी लोग झूठ बोलते वक़्त क़सम भी खा लेते हैं। मेरी नजरों में उससे निकृष्ट व्यक्ति हो ही नहीं सकता। एक झूठा व्यक्ति कभी अच्छा मित्र नही हो सकता, अच्छा बेटा या बाप नही हो सकता, अच्छा पति या पत्नी नही हो सकता और अंतिम बात वह दुनिया के नजरों में कैसा हो पाता नही, लेकिन वह खुद अपनी नजरों में गिरा रहता है, डरा रहता है। कभी किसी माफ़िया को देखा है, वह पूरा जीवन डरा, डरा रहता हैं, वह कितना बड़ा माफ़िया क्यों न हो। एक बदमाश या माफ़िया से डरपोक व्यक्ति कोई हो ही नही सकता, जितना बड़ा बदमाश उतना बड़ा डरपोक यह सत्य है। निडर होकर अपना जीवन जीने के लिए एक ही मन्त्र है, ईमानदार बनो, सच्चे बनो और झूठ बोलने से बचो।
नई दिल्ली