शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन/प्रभारी अधिकारी(शस्त्र) अमित सिंह ने बताया कि शासनादेश दिनांक 23 जून 2020 के अन्तर्गत आयुध नियम 2016 के नियम-15 के अनुसार जिन वैध शस्त्रधारियों के लाइसेंस एनडीएएल पर दर्ज नही हो पाये है, उनके शस्त्र लाइसेंस 29 जून 2020 तक समयबद्व रूप से एनडीएएल पर अपलोड करा ले। उन्होने बताया कि 29 जून 2020 के बाद बिना यूआईएन के शस्त्र लाईसेंस अवैध हो जायेगें।
उन्होने बताया कि समस्त शस्त्र लाइसेंसधारी जिनके शस्त्रों का डाटा बेस (NDAL-ALIS) के सोफ्टवेयर पर फीड होने से रह गया है, वह अपने लाइसेंस/जन्मतिथि प्रमाण पत्र की छायाप्रति एवं अपने वर्तमान फोटो सहित निर्धारित प्रारूप पर वांछित सूचना 2 प्रतियों में कलैक्ट्रेट स्थित शस्त्र कार्यालय में तत्काल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे, जिससे शस्त्र लाईसेंसों का विवरण डाटाबेस एनडीएएल एलिस पोर्टल पर समय से फीड किया जा सके। उन्होने कहा कि यदि शस्त्र लाईसेंसधारक द्वारा वांछित सूचना निर्धारित समयावधि के भीतर उपलब्ध नही करायी जाती है तो ऐसे शस्त्रधारियों के शस्त्र लाइसेंस दिनांक 29 जून 2020 से अवैध समझे जायेगे और इसके लिए शस्त्र लाईसेंसधारी स्वयं उत्तरदायी होगे।
अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन/प्रभारी अधिकारी(शस्त्र) ने बताया कि शासनादेश दिनांक 23 जून 2020 द्वारा शस्त्र लाईसेंसधारियों को कानूनी तौर पर एक व्यक्ति एक लाईसेंस पर केवल दो हथियार तक रखने का प्राविधान किया गया है तथा आयुध अधिनियम 1959 एवं आयुघ (संशोधन) अधिनियम 2019 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ऐसे शस्त्र लाईसेंसी जिनके पास 03 शस्त्र दर्ज है वे अपने तीसरे शस्त्र को 13 दिसम्बर 2020 तक जमा कर दे। उन्होने बताया कि एक वर्ष की अवधि के समाप्त होने के 90 दिनों के भीतर इन बंदूकों का लाईसेंस समाप्त हो जायेगा।
अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन/प्रभारी अधिकारी(शस्त्र) ने कहा कि आयुध अधिनियम 1995 में उल्लिखित प्राविधानों के साथ ही आम्र्स (एमेंडमंेट) एक्ट 2019 के माध्यम से किये गये संशोधित प्राविधानों के कार्यान्वयन हेतु शस्त्र लाईसेंसधारियों को सूचित किया जाता है कि कानूनी तौर पर अब एक व्यक्ति के पास सिर्फ दो शस्त्रों (असलाह) का ही लाईसेंस मान्य होगा। उन्हेाने कहा कि यदि किसी के पास 03 शस्त्रों (असलाहों) के लाईसेंस है तो एक लाईसेंस/शस्त्र को एक साल के भीतर अर्थाम 13 दिसम्बर 2020 तक जमा/सरेण्डर करना होगा। उन्होने बताया कि शासनादेश में यह भी कहा गया है कि आम लोग अपना शस्त्र निकटतम पुलिस स्टेशन या फिर शस्त्र व्यवसायी के यहां जमा कर सकते है।
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