माता सरस्वती कृपा करो


राज शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

सृष्टि में था जब अभाव वाणी का

तब धरे अवतार माता सरस्वती।।

 

युग-युग जीवों के गूंगे भाव को 

वाक शक्ति का सुसृजन किया।।

 

नमन माँ शारदे ! वीणापाणी माँ

तिमिर से तुमने उजयारा किया।।

 

अंकनी को दिव्यता प्रदान कर

करूं मैं नित काव्य रस सृजन।।

 

जिव्हा कंठ में वास हो तेरा माता

निज रचना को श्रृंगार से निखारु।।

 

अंकिनी में सुप्राण भर दे माँ शारदे

भक्ति,वीर श्रृंगार रस में सृजन करूं।।

 

संस्कृति संरक्षक, आनी (कुल्लू) हिमाचल प्रदेश

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