डाॅ दशरथ मसानिया, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
जय जय गौतम बुद्ध नरेशा।
सबजग स्वामी सत्य विशेषा।।
फैला जग में पाप अचारा।
रोग शोक भय हाहाकारा।।
झूठ कपट अज्ञान पसारा।
सत्य धरम जगत से हारा।।
सुंदर समय शुभ घड़ी आई।
जन्में बुद्ध जगत सुखदाई।।
संवत पाच सौ त्रैसठ ईशा।
जग अवतार भयो तेईसा।।
शुद्धोधन के घर अवतारा ।
महमाया की आंखन तारा।।
कुश्ती अश्र्व औ तीरकमाना।
सीखे सारे आयुध नाना।।
सब ग्रंथन से करी कमाई।
बालपाने विद्या सब पाई ।।
सोलह बरस उमर थी भाई।
राज कुंवर का ब्याह रचाई।।
शाक्य कुल यशोधरा कन्या।
पायो सिद्धू हो गई धन्या।।
सुंदर बेटा राहुल नामा।
पाये सदगुण नियम विधाना।।
त्यागा सुतवित त्यागी नारी।
छोडी दुनिया माया सारी।।
दुनिया के दुख मेटन हारा ।
कपिलवस्तु का राजकुमारा।।
सत्य ज्ञान पुरुषारथ करता।
चिंता पीरा अरु दुख हरता।।
नदी अनोमा सिर मुंडवाये।
राज छोड जंगल को धाये।।
बहुत समयतक प्रभु तप कीना।
पाया आतम ज्ञान प्रवीना।।
बैसख पूनम रात सुहानी।
तादिन से गौतम भये ज्ञानी।।
सारनाथ श्रावस्ती सारा।
मगध राज को बुद्ध संवारा ।।
प्रसेन उदयन बिम्बी राजा।
तीनों बौद्ध मत स्वीकारा ।।
भूप अशोका भये महाना।
बुद्ध धर्म को सबजग जाना।।
आगर, मालवा