अच्छे शिक्षक तैयार करने को केन्द्र की पहल, स्वेच्छा से शिक्षण कार्य करने के इच्छुक लोगों के लिए एक एप विकसित करने का निर्णय (शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र के वर्ष 12, अंक संख्या-29, 14 फरवरी 2016 में प्रकाशित लेख का पुनः प्रकाशन)


शि.वा.ब्यूरो, नई दिल्ली। शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में स्थित सभी 18 हजार शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की ग्रेडिंग करने का फैसला किया है। संस्थानों की ग्रेडिंग से उम्मीदवारों को उनकी गुणवत्ता पता चलेगी जबकि खराब ग्रेडिंग में उम्मीदवार उम्मीदवार एडमिशन नहीं लेंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ;एनसीटीईद्ध इस बारे में पहले ही नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल से समझौता कर चुकी है। अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर मंत्रलय ने राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक की। इसकी अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने की। बैठक में 29 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में राज्यों के सरकारी शिक्षण संस्थानों को भी मजबूत करने को कहा गया। 
बैठक में 20 तय किया गया कि शिक्षण प्रशिक्षण से जुड़े जितने भी कोर्स चल रहे हैं,उनमें 20 सप्ताह की इंटर्नशिप अनिवार्य की जाए। यह इंटर्नशिप सरकारी स्कूलों में होगी। इनमें से 10 सप्ताह की इंटर्नशिप ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में करनी होगी। इसके तौर तरीके तय करने के लिए एक समिति बनाई गई है। बैठक में तय किया गया कि स्कूल प्रिंसिपलों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। यूजीसी और आईआईएम के विशेषज्ञ इसके लिए प्रारूप तैयार करेंगे।
राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में एक एप विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसके जरिये उन लोगों को जोड़ा जाएगा जो स्वेच्छा से शिक्षण कार्य करने के इच्छुक हैं। इनमें पूर्व शिक्षकों, सरकारी कार्मिकों आदि को जोड़ा जाएगा। इसके लिए पहले किसी राज्य में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। 18 राज्यों ने इस पर सहमति प्रकट की है।


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