शि.वा.ब्यूरो, मोरना। कोरोना वायरस महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बडी कार्य योजना बनाई है। किसी भी विपरीत परिस्थितियों को लेकर नर्सिंग स्टाफ की टीम बनाई गयी है तथा देहात क्षेत्र के अस्पतालों में एमबीबीएस डॉक्टर्स की तैनाती की गयी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रशिक्षण मीटिंग में गांवों में तैनात एएनएम, एलएचडब्ल्यू आंगनबाडी व आशा कार्यकत्री की टीमों का गठन किया गया है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी चिकित्साधिकारी अर्जुन सिंह ने टीम के सदस्यों को बताया कि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपकरणों से लैस होकर हमें दूसरों की त्वरित सहायता करनी है। डॉ. अर्जुन सिंह ने बताया कि मोरना क्षेत्र के गांवों में 3 सदस्यों की 60 टीमों का गठन किया गया है। 1 टीम में 1 आंगनबाडी, 1 आशा तथा 1 एएनएम होगी, जिसमें एएनएम को टीम का हैड बनाया गया है तथा 5 टीमों पर एक सुपरवाईजर को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि किसी गांव में कोरोना का पोजिटिव केस पाये जाने पर पीडित का घर उसके परिवार के सदस्यों तथा पोजिटिव के सम्पर्क में आने वाले सदस्यों को चिन्हित करना तथा गांव में घर घर जाकर प्रत्येक ग्रामीणों के स्वास्थ्य व किसी बीमारी का चार्ट बनाने का कार्य किया जायेगा व पॉजिटिव केस वाले गांव के 3 किमी की परिधि में टीम को सक्रिय रखा जायेगा। इस दौरान डॉ. सारा बतूल, डॉ आर.डी. गौड़, डॉ. इन्द्रपाल, अरविन्द कुमार, नरेंद्र कुमार, अजय सक्सेना आदि उपस्थित रहे।
बता दें कि गांव देहात में उच्च स्वास्थ्य सेवाओं का हमेशा ही टोटा रहा है। झोलाछाप डॉक्टर से ग्रामीण अपना इलाज कराते हैं। कोरोना महामारी को लचर स्वास्थ्य सेवाएं चिन्ता का कारण बनी हुई है। गांव में एमबीबीएस डॉक्टर के क्लिनिक अथवा नर्सिंगहोम का होना एक सपने की तरह ही है। कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए भोकरहेडी, ककरौली, तेवडा, तिस्सा की एडिशनल पीएचसी पर एमबीबीएस डॉक्टर्स की तैनाती स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी बडी पहल है। भोकरहेडी, तिस्सा, तेवडा व ककरौली के एडिशनल पीएचसी पर एमबीबीएस डॉक्टर्स की तैनाती की गयी है। भोकरहेडी में डॉ. नवनीत चौधरी, तेवडा में डॉ. आएशा रहमान, तिस्सा में डॉ. सतेन्द्र कुमार की तैनाती की गयी है।*
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