कोरोना वायरस से उदासीन आउटसोर्सिंग कम्पनियों के अधिकारी


केसी शर्मा, सोनभद्र। कोल इंडिया की सहायक कंपनी एनसीएल में कार्यरत दर्जनों आउटसोर्सिंग कम्पनियों के अधिकारियों को यह नहीं पता है कि नॉवेल कोरोना वायरस कैसे फैलता है, नॉवेल कोरोनावायरस फैलने के विषय में बताया गया है कि संक्रमित व्यक्ति छींकने, खासने व थूकने आदि के बाद हाथ से अमुख अंगों को साफ करने तथा उस हाथ से किसी भी जगह को छूने से वह वायरस वहीं पर चिपक जाता है और दूसरा व्यक्ति जब उस स्थान को 8 घंटे के अंदर छूता है तो उस व्यक्ति में आसानी से पहुंच जाता है। 
अब कंपनियां अपनी पीठ थपथपाने  के लिए भले ही एक सीट में एक ही व्यक्ति को बैठा रही हो, लेकिन यदि कोई भी व्यक्ति संक्रमित है तो उस बैठने वाली सीट, ड्राइवर के स्टेरिंग, हैंडब्रेक आदि को जब तीनों पाली में अलग-अलग डंपर ड्राइवर चलाएंगे तो एक ड्राइवर से दूसरे ड्राइवर में आसानी से जा सकता है। शिफ्ट बस में भी इसी तरह से नियम लागू होता है। इसी तरह से मेस में भीड़ होती है, इसी तरह से पानी का नल खोलने में उसको सब छूते हैं। इस तरह हर जगह से वायरस फैलने का पूरा खतरा बढ़ जाता है और कंपनी में किसी भी एक ड्राइवर को हुआ तो सारे कंपनी में हड़कंप मच जायेगी और इसके जिम्मेदार कंपनी और एनसीएल प्रबंधन खुद होंगे।
ज्ञात हो कि कोई ड्राइवर शक्तिनगर से आता है, कोई खड़िया से, कोई बैढ़न से, कोई सिगरौली से तो कोई नवानगर से। अब ऐसे में संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है। हालांकि अब कंपनियां अनाउंस करवा रही है कि काम करते रहना और बार-बार हाथ धोते रहना, लेकिन कर्मचारी बार-बार हाथ कहां से धो सकता है, जब वहां पानी ही उपलब्ध नहीं रहता। इस तरह से एनसीएल की परियोजनाओं में कार्यरत्त 10 हजार से अधिक आउटसोर्सिंग मजदूरों की जिंदगी खतरे में है। हिन्द मजदूर सभा से  सम्बद्ध कोयला श्रमिक सभा के महामंत्री एवं संरक्षक अशोक कुमार पांडेय, केसी शर्मा ने उच्चाधिकारियों का इस ओर ध्यान आकृष्ट  कराते हुए शीघ्र आवश्यक कार्यवाही किये जाने की मांग की है।


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