इस नवरात्रि माता आदिशक्ति दुर्गा का नौका पर होगा आगमन और हाथी पर होगी विदाई


राज शर्मा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

माता जगदम्बे आदिशक्ति का सबसे बड़ा महापर्व सृष्टिकालीन चैत्र नवरात्रि इस वर्ष 25 मार्च बुधवार से प्रारम्भ हो रहे हैं। 25 मार्च 2020 से विक्रम संवत 2077 का शुभारंभ हो जाएगा। इसी दिन हिन्दू सनातन धर्म का नव वर्ष माना जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान ब्रह्मदेव ने आदिशक्ति माता जगदंबा की आराधना करके सृष्टि में धरती पर पहली बार माता दुर्गा का सृष्टि रचने के सहयोग हेतु आवाहन किया था। यह सृष्टि रचना का प्रथम दिवस भी माना जाता है। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 24 मार्च मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगा। घटस्थापना का मुहूर्त 25 मार्च, बुधवार को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक है। भक्तजन इस मुहूर्त में भी घटस्थापना कर सकते हैं । अभिजीत मुहूर्त में भी अन्य विकल्प रहेगा ।


संपूर्णप्रतिपद्येव चित्रायुक्तायदा भवेत।

वैधृत्यावापियुक्तास्यात्तदामध्यदिनेरावौ।।

अभिजीत मुहुर्त्त यत्तत्र स्थापनमिष्यते।

यूं तो देवी भागवत महापुराण के अनुसार मात दुर्गा  का वाहन सिंह है, लेकिन इसी देवी भागवत महापुराण में वर्णन आया है कि हर वर्ष नवरात्रि पर देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी पर आगमन होता हैं। देवी के अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आने से देश और प्रजा पर इसका प्रभाव भी भिन्न-भिन्न देखने को मिलता है।

● इस वर्ष माता नौका पर सवार होकर आएगी, क्योंकि देवी भागवत के इसी श्लोक के आधार पर बुधवार के दिन नवरात्रि प्रारम्भ होने से माता का वाहन नौका होता है, जो शुभकारक व अच्छी वर्षा के योग दर्शा रहा है।


गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।

नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।। (दे भा०महा०)

नवरात्रि के समापन पर देवी के वाहन विशेष दिन के वार पर आधारित होता है।

● शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।

शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।

बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।

सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥ (दे भा०महा०)


रविवार या सोमवार को देवी भैंसे की सवारी से जाती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है। शनिवार या मंगलवार को देवी मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं, जिससे दुख और कष्ट की वृद्धि होती है। बुधवार या शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं। इससे बारिश ज्यादा होती है। गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इससे जो सुख और शांति की वृद्धि होती है। माता की विदाई हाथी पर होने से भारी वर्षा के योग बनते हैं ।

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अभिजीत मुहूर्त 11:58 से 12:49 तक रहेगा, ज्योतिष शास्त्र में अभिजीत मुहूर्त में सर्वकार्य सिद्धिकारक कहा गया है। मीन लग्न में भी घट स्थापना कर सकते हैं। मिथुन लग्न में पूजा तथा कलश स्थापना और भी शुभ रहेगा। अत: घटस्‍थापना 10:49 से 01:15 तक कर सके, तो अति शुभ रहेगा। 


● 25 मार्च प्रतिपदा तिथि के दिन रेवती नक्षत्र और ब्रह्म योग होने के कारण सूर्योदय होने के पश्चात तथा अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापन शुभ रहेगा।

● इसी माह 30 मार्च 2020 को बृहस्पति अपनी स्वराशि धनु को छोड़कर शनि ग्रह की राशि मकर में प्रवेश करेंगे।

25 मार्च — बुधवार: इस दिन नवरात्रि का पहला दिन रहेगा। अभिजीत नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में घट स्थापना प्रशस्त रहेगा और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है ।

26 मार्च — गुरुवार: नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।

27 मार्च — शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।

28 मार्च — शनिवार: नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होगी।

29 मार्च — रविवार: नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।

30 मार्च — सोमवार: इस दिन नवरात्रि का छठा दिन होगा। इस दिन कात्यायनी माता की पूजा अर्चना की जाती है ।

31 मार्च — मंगलवार: नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि का पूजा की जाएगी।

01 अप्रैल — बुधवार: इस दिन दुर्गा अष्टमी होगी। अष्टमी तिथि को  महागौरी की पूजा की जाएगी।

02 अप्रैल— गुरुवार: नवरात्रि के नौवें दिन को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ में नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप में भी मनाया जाता है।


संस्कृति संरक्षक, आनी (कुल्लू) हिमाचल प्रदेश

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