(सलिल सरोज), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
मसअला है तेरे और मेरे बीच का
सलीका हुनरमंद रहे तो ही सही है
जो भी लहजा है तेरे इख़्तियार में
मुझे भी पसंद रहे तो ही सही है
मैं दरिया हूँ तो अपनाना था मुझे
तू कोई समंदर रहे तो ही सही है
कब तक हिफाज़त कर पाऊँगा
तू मेरे अन्दर रहे तो ही सही है
मैं बसा लूँ तुझे मूरत की तरह
तू भी मंदिर रहे तो ही सही है
कार्यकारी अधिकारी
लोक सभा सचिवालय
संसद भवन, नई दिल्ली
लोक सभा सचिवालय
संसद भवन, नई दिल्ली
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