शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कालेज ऑफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के परिप्रेक्ष्य में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डा0 सुभाष शर्मा, अध्यक्ष आयुष, उ0प्र0, डा0 अ0 कीर्तिवर्धन, सामाजिक चिन्तक व संस्थान के अधिशासी निदेशक प्रो0 (डा0) एसएन चौहान ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम के उददेश्य पर प्रकाश डालते हुये प्रो0 (डा0) एसएन चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के विषय में समाज में गलत आवधारणाऐं पनप रही है जिनका निराकरण आवश्यक है। नागरिकता संशोधन अधिनियम को पढ़ने और समझने की आवश्यकता है क्योंकि यह अधिनियम किसी को नागरिकता देने के लिये है न की छीनने के लिये। किसे नागरिकता दी जाये यह तय करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है और अधिकार भी। नागरिकता कानून का विरोध या तो अज्ञानता है अथवा राजनैतिक पूर्वाग्रह।
मुख्य वक्ता डा0 सुभाष शर्मा ने नागरिकता कानून क्या है पर चर्चा करते हुये कहा कि 31 दिसम्बर 2014 की निर्णायक तारीख तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांगलादेश के हिन्दु, सिख, जैन, पारसी और ईसाई जो भारत में आ चुके है भारत की नागरिकता पाने के अधिकारी होंगे। उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि इन देशों से आने वाले मुसलमानों को नागरिकता संशोधन अधिनियम से क्यों अलग रखा गया है।
डा0 अ0कीर्तिवर्धन ने नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में बताया कि पूर्व में भी कांग्रेस के शासनकाल में इसी विषय को लेकर उसके अनेक पदाधिकारी एवं नेताओं ने अनेक अवसरों पर इस विषय की गंभीरता को समझा भी है। सन 2003 को राज्यसभा में कांग्रेस नेता श्री मनमोहन सिंह ने अल्पसंख्यकों को उदार नागरिकता देने की वकालत ही।
कार्यक्रम का संचालन पारूल गुप्ता ने किया। इस अवसर पर डा0 एके गौतम, डा0 पारेश कुमार, डा0 आरटीएस पुंडीर, डा0 विकास कुमार, डा0 योगेश कुमार शर्मा, अभिषेक राय, मनोज झा, डा0 नवीन द्विवेदी, बबलू कुमार, नवनीश गोयल, डा0 संदीप कुमार, खुशीराम, मृदुल शर्मा, निलांशु गुप्ता, आकाश गोयल, राजेन्द्र कुमार, संगीता अग्रवाल, दीपशिखा त्यागी, शिवानी कौशिक, राजेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, धीरज कुमार, आकाश कुमार, ब्रजमोहन आदि उपस्थित रहे।