(राज शर्मा "आनी"), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
हिन्दू धर्म में अन्य पर्वों के साथ साथ शिव और शक्ति के महापर्वों की सर्वाधिक मान्यता रही हैं । माता आदि शक्ति के बहुविध विभूतियों को समर्पित नवरात्रों की अपनी एक विशेष महिमा है । वर्षभर में चार नवरात्रियों का आयोजन होता है । इनमें से बासंतिक (चैत्र) नवरात्री और शारदीय (अश्विन) नवरात्रि प्रत्यक्ष व सर्वविध जनों को ज्ञात है । परन्तु माघ मास और आषाढ़ मास में भी नवरात्री आती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्री कहते हैं । जिसप्रकार प्रत्यक्ष नवरात्री में दुर्गा स्वरूप की पूजा की जाती है उसी भांति गुप्त नवरात्री में दश महाविद्याओं की आराधना की जाती हैं । दश महाविद्याओं में महाकाली, तारा, षोडशी (त्रिपुरसुन्दरी), भुवनेश्वरी, त्रिपुरभैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावति, बगलामुखी, मातंगी और कमला।
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।
भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा।
बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका।
एता दश महाविद्या: सिद्धविद्या: प्राकृर्तिता।
एषा विद्या प्रकथिता सर्वतन्त्रेषु गोपिता ।।
इस वर्ष 2020 को 25 जनवरी शनिवार से 04 फरवरी मंगलवार तक गुप्त नवरात्री का पर्व मनाया जाएगा । गुप्त नवरात्री का विशेष मुहूर्त 25 जनवरी प्रातः 9 बजकर 48 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा ।
गुप्त नवरात्रि के दौरान शत्रु बाधा कार्य बाधा ग्रह बाधा कोई भी बाधा से निवारण हेतु देवी भगवती के दस महाविद्याओं के स्वरूप की आराधना की जाती है । इन दिनों में खानपान साधारणतः सात्विक रहता है इसमें गुप्त रूप से भगवती की आराधना की जाती है और अपनी साधना को गुप्त तरीके से ही करना चाहिए किसी से भी व्याख्यान नहीं करना चाहिए साधक कन्या पूजन के साथ व्रत का उद्यापन करें ।
आनी कुल्लू हिमाचल प्रदेश
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