(मुकेश कुमार ऋषि वर्मा), शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।
"मैं और मेरी माँ
दोनों मिलकर
नये-नये व्यंजन बनाते हैं----
यह जो मैं अपने हृदय की
आवाज को
पृष्ठों पर उतार रहा हूं---
यह भी तो एक व्यंजन /पकवान है ।"
ग्राम रिहावली, डाक तारौली गूजर,
काव्य-संग्रह काव्य दीप (31 कविताओं का संग्रह है। जिनका प्रकाशन रवीना प्रकाशन दिल्ली से 2018 में हुआ है।) से साभार
Tags
poem