नववर्ष पैगाम


(आशुतोष),  शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।

 

नववर्ष पर पैगाम लिख रहा

सब कुछ मै देश के नाम लिख रहा

भाई चारा बनी रहे और बढता रहे प्यार

आप सभी की खुशी है हमारा उपहार।

 

कार्य नये हो लक्ष्य नये हो

संस्कृति का रख विचार

सामाजिक नियमों की गांठ न खुले

ऐसे मनाओ नववर्ष बार बार।

 

पहले फैले समाज में दुःशासन

बंद करो उनका राशन

बूरे नजर रखने वालो की

दंडित करो ऐ प्रशासन।

 

दूजा न मरे कोई जीव

ऐसे मनाओ पर्व सभी

मस्ती करो हँसो बोलो

किसी को न सतावे कोई।

 

तीसरा नीयत रखो ठीक

ईश्वर दिलाएँगे सीख

बात मानो बडे बुर्जुर्गो का

समय बीतेंगे ठीक।

 

चौथे संगति हो मुनासिव 

बढेंगे सीख और अनुभव

यह चार काम अगर हो गए

तो समाज का बढेगा वैभव

रहेगे आप सुखी और स्वस्थ्य।।

 

                           पटना, बिहार

 

 

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