संजय शर्मा ''राज'', मुंबई। इस सदी और आधी सदी के लिए विवेक एजुकेशन सोसाइटी ने "टॉकथॉन -2019" का आयोजन २ अक्टूबर 2019 को विवेक विद्यालय ग्राउंड हॉल,सिद्धार्थ नगर,मुंबई में किया था, जोकि सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस तरह का कार्यक्रम शायद ही कभी कही हुआ होगा, जिसमें 150 छात्रों ने गांधीजी और उनकी विचारधारा के बारे में बात की और वे आज के दौर में प्रासंगिक कैसे हैं।
इस कार्यक्रम में भागलेने वाले ओरेटर (वक्ता) सबसे छोटा बालवाड़ी में है और सबसे पुराना ओरेटर स्नातक स्कूल के अंतिम वर्ष में है। उन्होंने खुद को 15 से अधिक विभिन्न भाषाओं में व्यक्त किया, उनमें से अधिकांश भारतीय हैं। प्रत्येक भारतीय राज्य का यहाँ अपना प्रतिनिधि था और कई छात्र थे जो संस्कृत में आत्मविश्वास से बात करते थे।जर्मन में बोलने वाले कुछ बच्चे भी थे।राष्ट्रीय एकता और विविधता में एकता इससे बेहतर उदहारण नहीं हो सकती है।1961 में विवेक शिक्षा सोसाइटी बनाने के बाद से एक अलग पहचान बनाते हुए उन्होने स्कूल व जूनियर कॉलेज तथा विवेक कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स बनाया और बच्चों को अच्छे और अलग प्रकार की शिक्षा देने का प्रयास किया और कर रहे है।इस अवसर पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी डी शिवनंदन और उप निदेशक (एम.ए.-एलएस), मुंबई विश्वविद्यालय के डॉ. राधाकृष्णन पिल्लई और विवेक विद्यालय व जूनियर कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुरेश नायर उपस्थित रहकर बच्चों को सराहा।
मुख्य अतिथि डी शिवनंदन ने गांधीजी के दर्शन और आज के दौर में प्रासंगिकता के बारे में छात्रों से सुना और गाँधीवादी विचारों पैर चर्चा की। उन्होंने स्कूल अधिकारियों से एक नोटिस बोर्ड लगाने के लिए जगह बनाने का अनुरोध किया, जिससे छात्रों को गांधी के विचारों पर लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि छात्र न केवल शब्दों में, बल्कि कर्मों में भी उन विचारों को अपनाये और प्रभावित हो।
प्रेरक वक्ता डॉ. राधाकृष्णन पिल्लई ने मातृभाषा और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में एक लक्ष्य रखने की आवश्यकता है और एक लक्ष्य किसी के जीवन को बदल सकता है। हर भाषा का अपना महत्त्व है।लोगों को जितनी ज्यादा भाषाओं का ज्ञान होगा, उसको उतना ही फायदा जीवन में मिलेगा। कोई भी भाषा अच्छी और बुरी नहीं होती है। जीवन में ज्यादा से ज्यादा भाषा सीखनी चाहिए।"
विवेक विद्यालय और जूनियर कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुरेश नायर ने कहा कि जब हम गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष के दौरान कुछ करने जा रहे थे, तो हमने कुछ नया करने की सोची और इसलिए "टॉकथॉन -2019" की योजना बनाई, जिससे बच्चों को गांधीवादी विचारधारा के बारे में पता चले और वे इस अमल करने की कोशिश करे।