श्री राम काॅलेज के ललित कला विभाग में फोटोग्राफी तकनीक पर कार्यशाला आयोजित


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। श्री राम काॅलेज के ललित कला विभाग में कम्प्यूटर प्रशिक्षण की तकनीक एवं विकास पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य बीएफए एवं एमएफए के विद्यार्थियों में CAD की समझ विकसित करना एवं इसकी तकनीक के विकास का अध्ययन करना था। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता एवं विशेषज्ञ अंकित उपाध्याय (स्वतंत्र तकनीकी CAD) थे। 
सर्वप्रथम तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन श्री राम गर्ल्स काॅलेज के प्राचार्य डा0 मनोज धीमान द्वारा सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया गया, इसके पश्चात् विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार कार्यशाला में रखे। मुख्य वक्ता एवं विशेषज्ञ अंकित उपाध्याय ने विद्यार्थियों को CAD के विषय में प्रशिक्षण प्रदान किया तथा विद्यार्थियों को सोफ्टवेयर पर कपडों के पैटर्न एवं डिजाईन बनाने के तरीके एवं उनके आउटफिट्स तैयार करने के तरीकेे बताये।



उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि किस प्रकार से गारमेंट एक्सपोर्ट हाउस, होजरी, वोवेन एवं निटिंग उद्योग में कैड की उपयोगिता और उनके प्रयोग किस प्रकार करके अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने 2डी एवं 3डी के पैटर्न कैड के माध्यम से विद्यार्थियों बनवाये, एवं लाइफ कैड के माध्यम से पैटर्न बनाने की विधि का भी उल्लेख अपने तकनीकी ज्ञान से कराया, जिससे किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी को समझा और ठीक किया जा सके। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से एक लाख गारमेंट का पैटर्न एक साथ तैयार कर सकते हैं। ग्रेडिंग के माध्यम से किसी भी पैटर्न में हुई तकनीकी खराबी को भी ठीक किया, एवं फिट पैटर्न को तैयार करके प्रोडक्सन के लिए फाइनल मास्टर पैटर्न किस प्रकार से तैयार किया जाता है, उस पर भी प्रकाश डाला। 


कैड के माध्यम से इंडस्ट्री को किस प्रकार से फायदा पहुंचाया जा सकता है, जिसे मार्कर के माध्यम से बताया गया, किस प्रकार से इंडस्ट्री में तकनीकी डिजाईन्स को मैनेज किया जाता है, जिस पर विद्यार्थियों को प्रैक्टिकली करके दिखाया, जिसमें पैटर्न की ग्रेन लाईन पैटर्न के उपर कितनी महत्वपूर्ण है उस पर प्रकाश डाला। कैड के माध्यम से इंडस्ट्री में समय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए कैड कितना जरूरी है उस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के वक्त में इंडस्ट्री में 90 प्रतिशत भारतवर्ष में अलग-अलग कैड के माध्यम से काम किया जाता है, जिसमें कुछ प्रचलित सोफ्टवयर्स हैं जैसे- लेक्ट्रा, ऑप्टीटेक्स, गरबर, टुकाटेक, ऑरबिटो आदि सोफ्टवेयर के विषय में भी विस्तार से बताया। 


इस तीन दिन की कार्यशाला में बच्चों ने बढ-चढकर हिस्सा लिया और अपने-अपने भविष्य के लिए कैड की उपयोगिता को समझा और दिये गये निर्देशों के अनुसार विशेषज्ञ को दिये गये कार्य को कर के दिखाया। जिससे बच्चों को यह समझने में पूरी सहायता मिली और उन्होंने महाविद्यालय की कम्प्यूटर लैब में स्वयं बताये गये पैटर्न भी बनाकर दिखाये। 
कार्यशाला में प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष रूपल मलिक, बिन्नु पुण्डीर, अनु नायक, डा0 आषीष गर्ग, रजनीकांत, रीना त्यागी, डा0 रविन्द्र धीमान, मीनाक्षी काकरान एवं पूनम पाल भी उपस्थित रहे।


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