शि.वा.ब्यूरो, खतौली। ये कोई सुनी-सुनाई बात नहीं है, बल्कि इतिहास में दर्ज है कि स्वाधीनता की लड़ाई की चिंगारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही भड़की थी। इसके बाद ही देश के अन्य भागों में स्वतंत्रता संग्राम की आंच जंगल की आग की तरह पूरे देश में फैल गयी थी। 1857 में स्वाधीनता की लड़ाई के हीरो बने थे, मंगल पाण्डे और अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लड़ाई की रणनीति भी इसी क्षेत्र से बन रही है और इसके कर्णधार बन रहे हैं निकटवर्ती गांव के अमरीष त्यागी।
ज्ञात हो कि गंगा-जमुना के दोआब स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र जहां अपनी उर्वरता के लिए जाना जाता है, वहीं यह क्षेत्र गांधीवादी विचारधारा के लिए भी प्रख्यात् है। यहां से कई आंदोलनों का सूत्रपात हुआ है और इसका जीता-जागता उदाहरण पत्रकार व स्वतंत्रता सैनानी सुन्दरलाल शास्त्री हैं। अब यहीं से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाये जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाये जाने की मांग को लेकर 6 अक्टूबर दिन रविवार को एक वर्कशाप नावला ग्राम प्रधान देवराज त्यागी के आवास पर आयोजित की गयी है।
उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन के जिलाध्यक्ष अमरीष त्यागी ने बताया है कि वर्कशाप दोपहर 2 बजे नावला स्थित ग्राम प्रधान के आवास पर आयोजित की गयी है, जिसमें उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी सत्येंद्र, प्रदेश सचिव संजीव मलिक सहित अजय पंवार, रामपाल सिंह, रामपाल सिंह पुंडीर, अजय कुमार शर्मा, मुन्ना गौड़, मुहिब खान, शानू अहमद, चन्द्रशेखर, हाजी वारिस व ललित राठी समेत काफी संख्या में लोग भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मुहिम उन्हें काफी लोग उत्साह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने का भरोसा दे रहे हैं।