एसडी कालेज ऑफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में नई तालीम दिवस के रूप में मनायी गयी 150वीं गाँधी जयन्ती


शि.वा.ब्यूरो, मुजफ्फरनगर। एसडी कालेज ऑफ इन्जिनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जयन्ती कि 150वीं जन्मदिवस को नयी तालीम दिवस' के रूप में मनाया गया। इस शुभ अवसर पर आज विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया गया। 



छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये संस्थान के अधिशासी निदेशक प्रो0 (डा0) एसएन चौहान ने कहा कि 2 अक्टूबर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का भी जन्म दिवस है। शासन द्वारा महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती को नई तालीम दिवस' के रूप में मनाने का भी निश्चय किया गया है, क्योंकि महात्मा गाँधी आजाद भारत में पाश्चात्य संस्कृति, शिक्षा व विकास के तरीकों के पक्षधर नही थे, बल्कि उन्होने नई तकनीक का सिद्धान्त आजाद भारत को दिया जिसमें ज्ञान और कार्य को अविछिन्न माना है। गाँधी जी शिक्षा को नैतिक विकास का माध्यम मानते थे और उन्होने शिक्षा में नैतिक मूल्यों पर जोर देते हुये जातपात, छूआछूत, गरीबी, रंगभेद, धार्मिक असहिष्णुता, हिंसा को समूल नष्ट करने के लिये प्रेरित किया। गांँधी जी अखण्ड भारत, सुदृढ़ भारत और स्वच्छ भारत के पक्षधर थे। वे नगरीयकरण और औद्योगीकरण के स्थान पर ग्रामीण विकास और हस्तशिल्प के हिमायती रहे। सादा जीवन, उच्च विचार, अपरिग्रह और अहिंसा गाँधी जी के जीवन के आधार थे जिनकी प्रासांगिकता युगों युगों तक रहेगी। गाँधी जी एक समग्र व्यव्स्था का नाम है जिसमें सबका उचित स्थान, सम्मान और उत्थान संभव हैं। बापू द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलकर ही देश में आपसी सदभाव व भाईचारा बनाये रख सकते है। गाँधी जी सत्य, अहिंसा, प्रेम और धर्म निरपेक्षता के हिमायती थे। 



इस अवसर पर सम्मानित अतिथि एडीजीसी, सिविल तरूण गोयल ने गाँधी जी कि जीवन के अनेकों वृतान्तों का उल्लेख कर जानकारी दी कि गाँधी जी से प्रेरित होकर ही विदेशों तक में स्वच्छता अभियान चलाये गये। आधुनिक भारत महापुरूषों के आदर्शाें पर चलकर ही अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। आपने कहा कि गाँधी जी एवं संघर्ष एक दूसरे के पर्याय है, गाँधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के नटाल से जो साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद एवं छूआछूत एवं रंगभेद के खिलाफ जो संघर्ष शुरू किया वही भारत में आने पर स्वतन्त्रता संग्राम के रूप में आगे बढ़ी और देश की आजादी तक वे भारत के लिये संघर्षरत रहे। सत्याग्रह के माध्यम से उन्होने विदेशी ताकतों को उखाड़ फेंका और दुनिया को अहिंसा की ताकत का परिचय कराया। वे भारत के ही नही बल्कि पूरी मानवता के पिता तुल्य है।   



गोष्ठी के अवसर पर प्राचार्य डा0 एके गौतम ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को नमन करते हुये कहा कि ये जीवन पर्यन्त राष्ट्रहित हेतू अंग्रजों से लोहा लेते रहे और अंततः भारत को स्वतन्त्रता प्राप्त हो सकी। हमें उनके संघर्षों से शिक्षा ग्रहण करने की आवश्यकता है। कालेज में गाँधी जयन्ती के अवसर पर भाषण व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कलचरल क्लब संयोजिका श्रीमति प्रगति शर्मा ने विजयी प्रतिभागीयों के नामों की घोषणा की। प्रतियोगिता में वरिषा, नेहा, मो0 अफजल प्रथम, अमन, यशराज, सावेज द्वितीय व शगुन, उर्वशी, अनुराग, श्रेया, अभय, अब्दुल्ला काजमी तृतीय रहे। श्रेया और प्रियांशी ने कार्यक्रम का सफल संचानल किया।



कार्यक्रम को सफल बनानें में डा0 पीके पुंडीर, डा0 आरटीएस पुंडीर, प्रो0 योगेश शर्मा, डा0 विकास कुमार, श्री अभिषेक राय, डा0 नवीन दिवेदी, मनोज झा, आशुतोष, खुशीराम, आकाश गोयल, निलांशु, दीपशिखा, शिवानी, अंकुर सक्सेना, जितेन्द्र कुमार, आशीष बागला, राजेन्द्र कुमार, संगीता अग्रवाल, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार, धीरज कुमार, ब्रजमोहन, आकाश कुमार, राजीव कुमार, प्रमोद कुमार व दिनेश कुमार आदि का सहयोग रहा।  


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