सुंदरतम

डाँ. राजीव डोगरा, शिक्षा वाहिनी समाचार पत्र।  

जल ने प्रलय मचा रखी है
आसमाँ की मोहब्बत में
दुनिया तबाह कर रखी है।

सोचते हो मोहब्बत
बस तुमने ही की है यहाँ
ओह नहीं नहीं......

हवा ने पानी से
पानी ने हवा से
आंखों से आंखें मिला रखी है।

सोचते हो खूबसूरत
बस तुम ही हो यहां
ओह नहीं नहीं......

पर्वतों ने अपनी सुंदरता से
सारी दुनिया अपने
कदमों में झुका रखी है।

युवा कवि व लेखक गांव जनयानकड़ (कांगड़ा) हिमाचल

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