राशन वितरण को सुव्यवस्थित करने के लिए जन प्रथम अभियान शुरू

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में सुधार की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले गैर-सब्सिडी मॉडल में उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए एक पायलट योजना की व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। समन्वय बैठक में डीसी मृदुल यादव ने पायलट प्रोजेक्ट का खाका प्रस्तुत किया और स्वच्छ, तकनीक-सक्षम और नागरिक-अनुकूल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए जिले की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। अधिकारियों, उचित दर दुकान संचालकों और जीपीएसएस (गाँव पंचायत समबाय समिति) के सचिवों को संबोधित करते हुए, डीसी ने सभी परिचालन स्तरों पर तत्परता, समन्वय और जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया।

डीसी मृदुल यादव ने कहा कि इस पहल की सफलता प्रणालियों को सुव्यवस्थित करने, त्रुटियों को दूर करने और प्रक्रियात्मक देरी की तुलना में नागरिक सेवा को प्राथमिकता देने की हमारी क्षमता में निहित है। उन्होंने सभी हितधारकों से इस बदलाव की ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान किया और क्षेत्र-स्तरीय पदाधिकारियों से कार्यान्वयन में पूर्ण सटीकता और निष्पक्षता बनाए रखने का आग्रह किया।

डीसी ने निर्देश दिया कि उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर ई-पॉस उपकरणों को पूरी तरह से कार्यात्मक रखा जाए और सहकारी समितियों द्वारा ई-केवाईसी अनुपालन की कड़ी निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि समय पर आवश्यक डेटा अपलोड करने में विफल रहने वाले किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) को पूछताछ और प्रशासनिक जाँच का सामना करना पड़ेगा। डीसी यादव ने दोहराया कि यह केवल आवश्यक वस्तुओं के वितरण के बारे में नहीं है, बल्कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में विश्वास को फिर से स्थापित करने के बारे में है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जहाँ नागरिकों को यह विश्वास हो कि उनके अधिकार समय पर, बिना किसी परेशानी के, और उनकी गरिमा को महत्व देने वाली प्रणाली के माध्यम से उन तक पहुँचेंगे। बैठक में लखीपुर के सह-जिला आयुक्त ध्रुबजयती पाठक, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं सहायक आयुक्त बोनीखा चेतिया, अतिरिक्त मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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