केवी संगठन के एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम मे विविधता की झलक

मदन सुमित्रा सिंघल, शिलचर। केंद्रीय विद्यालय संस्कृति, संगीत और कला के जीवंत रंगों से सराबोर हो उठा, जब केंद्रीय विद्यालय संगठन (सिलचर क्षेत्र) ने एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) के संकुल-स्तरीय समारोह का आयोजन किया। इस वर्ष असम और मध्य प्रदेश के संयोजन में, यह कार्यक्रम परंपराओं, रचनात्मकता और राष्ट्रीय एकता का एक संगम बन गया, जिसमें सिलचर संकुल के अंतर्गत आने वाले आठ केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस अवसर पर बच्चों ने समूह नृत्य, मधुर संगीत, एक प्रभावशाली हस्तशिल्प प्रदर्शनी और एक जीवंत ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन किया।  प्रत्येक प्रदर्शन ने विविधता में एकता के अंतर्निहित विषय को प्रतिबिंबित किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत की सांस्कृतिक बहुलता आज भी इसका सबसे मज़बूत बंधन बनी हुई है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, कछार ज़िला आयुक्त मृदुल यादव, आईएएस ने अपने संबोधन में युवा कलाकारों की जीवंत प्रस्तुतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "एक भारत श्रेष्ठ भारत केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करने का एक मिशन है। जब विभिन्न राज्यों के बच्चे एक साथ आते हैं और एक-दूसरे की परंपराओं, भाषाओं और कला रूपों को सीखते हैं, तो वे एकता के दूत बन जाते हैं। ऐसे कार्यक्रम हमारी साझी विरासत के प्रति सम्मान, सद्भाव और गौरव का संचार करते हैं। मैं अपने छात्रों में इस भावना का पोषण करने के लिए केंद्रीय विद्यालयों की सच्ची सराहना करता हूँ।" उन्होंने छात्रों से विविधता को शक्ति के स्रोत के रूप में अपनाने और अपनी भविष्य की यात्रा में सहिष्णुता, अनुशासन और सम्मान के मूल्यों को अपनाने का भी आग्रह किया।

केंद्रीय विद्यालय संगठन, सिलचर क्षेत्र के उपायुक्त, पी.आई.टी. राजा ने भी छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए इस पहल को सांस्कृतिक शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया।  उन्होंने कहा, "आज बच्चे न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता से परिचित होकर चरित्र निर्माण भी कर रहे हैं। असम और मध्य प्रदेश, भौगोलिक रूप से दूर होने के बावजूद, इतिहास, लोककथाओं और परंपराओं के माध्यम से एक अदृश्य बंधन साझा करते हैं। ये आयोजन एक ऐसा सेतु बनाते हैं जो युवा मन को यह एहसास दिलाता है कि मतभेदों के बावजूद, हम एक भारत हैं।" उन्होंने छात्रों को तैयार करने में उनके समर्पित प्रयासों के लिए भाग लेने वाले स्कूलों और शिक्षकों को बधाई दी।

विशेष अतिथि ए.के. सीट, सहायक आयुक्त, केंद्रीय विद्यालय संगठन, सिलचर क्षेत्र ने भी राष्ट्र निर्माण में केंद्रीय विद्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "केंद्रीय विद्यालय परिवार ने हमेशा समग्र शिक्षा पर जोर दिया है। ईबीएसबी जैसे कार्यक्रम बच्चों को क्षेत्रीय विविधता की सराहना करते हुए भारत की एकता पर गर्व की भावना देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यहाँ छात्रों का प्रदर्शन उनकी रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरूकता को दर्शाता है। वे हमारे राष्ट्रीय मूल्यों के सच्चे संरक्षक हैं।" उन्होंने छात्रों को न केवल संस्कृति का प्रदर्शन करने, बल्कि अपने साथियों की परंपराओं का सम्मान करना सीखने के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिससे आजीवन मित्रता और सहानुभूति को बढ़ावा मिलेगा।

क्लस्टर समन्वयक सुनील गुप्ता और मेजबान प्रधानाचार्य किशोर कुमार पांडे ने विद्यार्थियों, विशेषकर स्काउट्स एंड गाइड्स और कब्स एंड बुलबुल्स टुकड़ियों के साथ बातचीत में गहरी रुचि दिखाई और उनकी अनुशासित भागीदारी और टीम भावना की सराहना की। दोनों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र से जुड़ाव की साझा भावना का जश्न मनाने का एक अवसर था।

इस प्रकार, केवी सिलचर में दिन भर चला यह उत्सव न केवल कला और प्रतिभा के जीवंत प्रदर्शन में बदल गया, बल्कि राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाली सामूहिक पहचान की याद भी दिलाता रहा। स्कूल परिसर में जयकारे, तालियाँ और सांस्कृतिक रंगों ने "एक भारत श्रेष्ठ भारत" के मूल मंत्र को प्रतिध्वनित किया, जो विविधता में एकता को मजबूत करता है।

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